Silkyara Tunnel Update: उत्तराखंड की टनल में फंसे मजदूरों की उम्मीद को एक और झटका लगा है। उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों को निकालने के लिए जारी ड्रिलिंग का काम गुरुवार को फिर से रोकना पड़ा है।
ड्रिलिंग के लिये जिस मंच पर उपकरण लगे हैं उसमें कुछ दरारें आ गईं। दरारें आने के बाद ड्रिलिंग का काम रोका गया है। ड्रिलिंग का काम रुकने से अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के प्रयास को एक और झटका लगा।
कब शुरु होगा काम
ड्रिलिंग का काम रुक जाने के बाद एक सवाल खड़ा हुआ कि आखिर अब दोबारा काम कब शुरू किया जाएगा। इस बारे में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने कहा कि बचाव कर्मी ड्रिलिंग फिर से शुरू करने से पहले उस मंच को “स्थिर” करेंगे जिस पर 25 टन की ऑगर मशीन लगी हुई है। सुरंग में 11 दिनों से फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए ढहे हुए हिस्से के मलबे में स्टील पाइप के टुकड़े डाले जा रहे हैं।
धामी ने भी की बात
टनल में फंसे मजदूरों से राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी बात की है। इस दौरान उन्होंने लोगों को हौसला रखने की बात कही और मजदूरों को बाहर निकालने के संकल्प को भी दोहराया। सीएम धामी के अलावा पीएम मोदी भी लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं।
इस दौरान गुरुवार को ड्रिलिंग का काम चल रही रहा था कि खुदाई वाले मंच पर दरारें आ गईं, जिसके बाद काम को रोकना पड़ा है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही दोबारा काम शुरू कर दिया जाएगा।
दिवाली के दौरान उत्तारखंड के उत्तरकाशी में एक टनल धंस गई थी। टनल में काम कर रहे 41 मजदूर टनल के अंदर ही फंस गए थे। इसके बाद से अब तक 11 दिन हो चुके हैं। अभी तक फंसे हुए मजदूरों को बाहर नहीं निकाला जा सका है।
ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी जल्द ही उन्हें बाहर निकाल लिया जाएगा। लेकिन उन्हें एक और झटका लगा है। अब ड्रिलिंगा काम फिर से रोक दिया है। इस बारे में बात करते हुए अधिकारियों ने बताया कि मंच को दोबारा सही करने के बाद ड्रिलिंग का काम शुरु कर दिया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने बृहस्पतिवार शाम को कहा कि उत्तरकाशी में सुरंग में मलबे के रास्ते ड्रिलिंग करने वाली ‘ऑगर’ मशीन में फिर से कुछ समस्याएं आ रही हैं। सुरंग के रास्ते में लोहे के सरिए मिलने के बाद बुधवार को छह घंटे तक बचाव अभियान बाधित रहा था। उसके कुछ घंटे बाद डिक्स की यह टिप्पणी सामने आई है।
गुरुवार को अभियान फिर शुरू होने से पहले विशेषज्ञों ने उस अवरोध को दूर कर दिया था। मशीन में समस्या आने के कारण शुक्रवार दोपहर से मंगलवार रात तक ड्रिलिंग रोक दी गई थी। डिक्स ने कहा कि ऑगर मशीन में तीसरी बार कुछ समस्या आ रही है।
पहले भी ऐसी समस्या आयी थी। उन्होंने मौजूदा समस्या के बारे में विस्तार से नहीं बताया और उन्होंने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि मशीन में समस्या से बचाव अभियान में कितनी देरी होगी क्योंकि अभियान 12वें दिन में प्रवेश कर चुका है।
डिक्स के अनुसार, सुरंग में फंसे हुए मजदूर सुरक्षित और स्वस्थ हैं, ऐसे में जल्दबाजी नहीं करना बहुत आवश्यक है। अगर हम इस तरह की स्थिति में जल्दबाजी करते हैं तो ऐसी चुनौतियां पैदा हो सकती हैं जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि बचाव अभियान जोरों पर है और विभिन्न एजेंसियां कई बचाव विकल्पों पर काम कर रही हैं। सुरंग निर्माण संबंधी विशेषज्ञों के एक अंतरराष्ट्रीय संघ के प्रमुख डिक्स परामर्श देने के लिए अभी सिलक्यारा में हैं।