हल्द्वानी हिंसा के मामले में पिछले 16 दिनों से लापता चल रहे ‘मुख्य साजिशकर्ता’ अब्दुल मलिक को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने यह जानकारी दी.
8 फरवरी को हलद्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में एक अवैध रूप से निर्मित मदरसे के ध्वस्तीकरण के दौरान हिंसा भड़क गई थी, जिसमें स्थानीय लोगों ने नगर निगम कर्मचारियों और पुलिस पर पत्थर और पेट्रोल बम फेंके, जिससे कई पुलिस कर्मियों को पुलिस स्टेशन में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसके बाद भीड़ ने थाने में आग लगा दी थी.
इस मामले में अब तक 78 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस के मुताबिक, हिंसा में छह दंगाई मारे गए, जबकि पुलिस कर्मियों और मीडियाकर्मियों सहित 100 से अधिक लोग घायल हो गए.
अब्दुल मलिक ने मदरसे का निर्माण करवाया था और इसके विध्वंस का सबसे पुरजोर विरोध किया था. उनकी पत्नी सफ़िया मलिक ने विध्वंस प्रक्रिया को निलंबित करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था, लेकिन तत्काल राहत पाने में विफल रही. आरोप है कि मलिक ने बनभूलपुरा में हिंसा भड़काई थी. हिंसा भड़कने के दिन से ही वह लापता था.
अब्दुल मलिक के वकीलों ने हलद्वानी की सत्र अदालत में उनके लिए अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें दावा किया गया था कि उनका मुवक्किल हिंसा के दिन इलाके में मौजूद नहीं था. अपील में आरोपी के दिल्ली पते का भी उल्लेख किया गया है.
आवेदन देखने के बाद उत्तराखंड पुलिस दिल्ली के पते पर पहुंची और अब्दुल मलिक को गिरफ्तार कर लिया. अब उसे राज्य में वापस लाया जा रहा है.
अब्दुल मलिक और उनकी पत्नी के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने और अवैध रूप से प्लॉट काटने, निर्माण और जमीन के हस्तांतरण के लिए धोखाधड़ी से मृत व्यक्ति के नाम का इस्तेमाल करने का मामला दर्ज किया गया है. उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 417 (धोखाधड़ी) और 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी) के तहत मामला दर्ज किया गया है.