19 May 2025, Mon

Uttarakhand Breaking : फैक्ट्रियां बंद, युवा भटक रहे, फिर 9 लाख नौकरियां कहां से आईं? चौंकाने वाला खुलासा!

विकासनगर : जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष और जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार का यह दावा कि पिछले दो साल में 9.31 लाख लोगों को रोजगार (employment) दिया गया, पूरी तरह से आधारहीन और झूठा है।

नेगी ने मांग की कि सरकार इस मामले में श्वेत पत्र (white paper) जारी करे ताकि जनता को सच पता चल सके। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर किन लोगों को और किस क्षेत्र में नौकरियां दी गईं? उनका कहना है कि ऐसा लगता है कि सरकार ने आंकड़ों में घंटाघर के दिहाड़ी मजदूरों (daily wage workers) को भी शामिल कर लिया हो।

नेगी ने आगे कहा कि यह बेहद चौंकाने वाला है कि एक तरफ राज्य में मंदी (recession) के कारण फैक्ट्रियां बंद हो रही हैं या बंद होने की कगार पर हैं, वहीं सरकार रोजगार सृजन का दावा कर रही है। उनका कहना था कि इन औद्योगिक इकाइयों में ज्यादातर युवाओं को ठेका प्रथा (contract system) के तहत काम मिलता है, वो भी महीने में मुश्किल से 10-12 दिन। ऐसे में स्थायी रोजगार (permanent employment) की बात तो सपने जैसी है। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह बंद हो रही फैक्ट्रियों की निगरानी करे और इस समस्या का हल निकाले।

सरकार ने यह भी दावा किया कि साल 2024-25 में प्रति व्यक्ति आय (per capita income) बढ़कर 2.75 लाख रुपये हो गई है। लेकिन नेगी ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जब कृषि, उद्योग, रोजगार, पशुपालन और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में लगातार गिरावट देखी जा रही है, तो आय में यह बढ़ोतरी कैसे संभव है? आज हालत यह है कि पढ़े-लिखे युवा (educated youth) 7-8 हजार रुपये की नौकरी के लिए भटक रहे हैं। ऐसे में सरकार का रोजगार देने का दावा हास्यास्पद है।

उन्होंने मीडिया पर भी निशाना साधा और कहा कि कुछ समाचार पत्र बिना सबूत के सरकार के इशारे पर खबरें छापते हैं, जबकि सच्चाई दिखाने में उन्हें परहेज है। इस पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार और दिलबाग सिंह भी मौजूद थे। नेगी ने कहा कि जनता को सच जानने का हक है और सरकार को अपने दावों की सच्चाई सामने लानी चाहिए।

By Ganga

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