देहरादून : उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के उस बयान की कड़ी आलोचना की है, जिसमें उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों को “सड़क छाप” कहकर संबोधित किया।
धीरेंद्र प्रताप, जो चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक भी हैं, ने इस टिप्पणी को बेहद शर्मनाक, हल्का और अपरिपक्व करार दिया। उन्होंने कहा कि महेंद्र भट्ट को अपने इस आपत्तिजनक बयान के लिए उत्तराखंड के हजारों आंदोलनकारियों से तुरंत माफी मांगनी चाहिए।
धीरेंद्र प्रताप ने जोर देकर कहा कि उत्तराखंड राज्य का निर्माण उन वीर आंदोलनकारियों के बलिदान और अथक संघर्ष का नतीजा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आज महेंद्र भट्ट जिस राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष हैं, अगर यह राज्य नहीं बना होता और वे उत्तर प्रदेश के नागरिक होते, तो शायद इस जीवन में इतने बड़े पद तक पहुंचना उनके लिए आसान नहीं होता। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर महेंद्र भट्ट ने आंदोलनकारियों के प्रति अपनी सोच नहीं बदली, तो वे राज्य के आंदोलनकारियों से उनके सार्वजनिक बहिष्कार का आह्वान करेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि आंदोलनकारियों का अपमान करना उन साहसी लोगों का तिरस्कार है, जिन्होंने अपनी जवानी, समय, धन और जीवन तक इस राज्य की नींव रखने में लगा दिया। धीरेंद्र प्रताप ने महेंद्र भट्ट के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि बीजेपी नेता को इस अपमान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी होगी।
उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि हाल के दिनों में बीजेपी नेताओं के बयानों से उनकी बौद्धिक दिवालियापन झलक रहा है। कभी महेंद्र भट्ट कुछ कहते हैं, तो कभी प्रेमचंद अग्रवाल कुछ बोलते हैं, लेकिन पार्टी का नेतृत्व—चाहे राष्ट्रीय स्तर का हो या राज्य का मुख्यमंत्री—अपने नेताओं को यह समझाने में नाकाम रहा है कि ऊंचे पदों पर बैठे लोगों के शब्दों में मर्यादा और गरिमा होनी चाहिए।
धीरेंद्र प्रताप ने उम्मीद जताई कि बीजेपी में इस तरह की सस्ती बयानबाजी का सिलसिला जल्द थमेगा और उत्तराखंड में सम्मानजनक व गरिमामयी राजनीति देखने को मिलेगी।