Dehradun News : देहरादून में एक बार फिर मिलावटी खाद्य पदार्थों ने लोगों की सेहत को खतरे में डाल दिया। पुलिस और प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए मेहूंवाला स्थित शीशपाल चौहान के गोदाम को सील कर दिया। इस गोदाम से जब्त किया गया आटा तुरंत नष्ट कर दिया गया।
इतना ही नहीं, शहर की 30 दुकानों से भी संदिग्ध आटा बरामद कर उसे प्रशासनिक टीम की निगरानी में नष्ट किया गया। यह कार्रवाई रात तक पूरे जिले में जारी रही, जिससे लोगों में राहत के साथ-साथ सवाल भी उठने लगे कि आखिर उनकी थाली तक यह खतरा कैसे पहुंचा?
किन दुकानों पर गिरी गाज?
प्रशासन ने देहरादून के अलग-अलग इलाकों में फैली उन दुकानों पर नजर रखी, जहां से मिलावटी आटे की सप्लाई की आशंका थी। पटेल नगर के पंत डिपार्टमेंटल स्टोर और लखमा स्टोर से लेकर दीपनगर के अग्रवाल ट्रेडर्स और नेहरू कॉलोनी के महालक्ष्मी ट्रेडर्स तक, कई नामी दुकानों से आटा जब्त किया गया।
झंडा बाजार में कोहली ट्रेडर्स, बंजारावाला में सुमित स्टोर, और रायपुर के शर्मा स्टोर जैसी जगहों पर भी कार्रवाई हुई। विकासनगर के राणा स्टोर, डोईवाला के गौरव परचूनवाले और प्रेम नगर के गुलशन जनरल स्टोर तक, सूची लंबी है। इन दुकानों से बरामद आटे को देखते ही समझ आ गया कि मामला गंभीर है।
दुकानदार भी नहीं बचे, कई बीमार
इस घटना ने सबको हैरान तब कर दिया, जब पता चला कि मिलावटी आटे का शिकार सिर्फ ग्राहक ही नहीं, बल्कि कुछ दुकानदार भी हुए। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि शुरूआती जांच में सामने आया कि कई दुकानदारों ने खुद इस आटे से बने व्यंजन खाए और उनकी तबीयत बिगड़ गई।
पुलिस ने पहले 22 दुकानों को सील किया था, लेकिन अब कार्रवाई का दायरा बढ़ रहा है। इन दुकानों को फिलहाल बंद करा दिया गया है और इन्हें कुट्टू का आटा बेचने से सख्त मना किया गया है। यह खबर सुनकर लोग अपनी सेहत को लेकर और सतर्क हो गए हैं।
प्रशासन का सख्त रुख
एसएसपी अजय सिंह ने साफ कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है। पूरे जिले में संदिग्ध गोदामों और दुकानों पर छापेमारी जारी रहेगी। मेहूंवाला के गोदाम को सील करना एक बड़ा कदम था, लेकिन असली सवाल यह है कि यह मिलावटी आटा बाजार तक कैसे पहुंचा? प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और किसी भी संदिग्ध आटे का इस्तेमाल करने से पहले उसकी जांच कर लें। यह घटना नवरात्रि जैसे त्योहारों के दौरान लोगों के लिए सबक बन गई है, जब व्रत के लिए कुट्टू का आटा खूब इस्तेमाल होता है।
क्या करें आम लोग?
यह पूरा मामला लोगों के लिए चेतावनी है। बाजार से सामान खरीदते वक्त उसकी गुणवत्ता पर ध्यान देना अब जरूरी हो गया है। खासकर जब बात व्रत या रोजमर्रा के खाने की हो, तो थोड़ी सावधानी बड़ी मुसीबत से बचा सकती है। प्रशासन भले ही अपनी तरफ से कदम उठा रहा हो, लेकिन असली जिम्मेदारी हमारी भी है कि हम अपनी सेहत का ख्याल रखें। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि लालच और लापरवाही कितना बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है।