5 Jun 2025, Thu

Dehradun News : जागरण में डीजे बंद कराने पहुंचे पुलिसकर्मियों पर हमला, 7 गिरफ्तार

Dehradun News : देहरादून के हर्रावाला क्षेत्र में एक जागरण के दौरान तेज आवाज में डीजे बजाने को लेकर उपजे विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। इस घटना में सात लोगों ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर सरकारी कार्य में बाधा डाली, जिसके बाद डोईवाला पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। यह घटना स्थानीय समुदाय और कानून व्यवस्था के बीच तनाव को उजागर करती है।

क्या हुआ था उस रात?

14 अप्रैल 2025 की रात, हर्रावाला चौकी पर तैनात कांस्टेबल आशीष राठी और मंजीत कुमार को कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि माता मंदिर, हर्रावाला में जागरण के दौरान तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा है। दोनों पुलिसकर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे और आयोजकों से डीजे बंद करने को कहा। लेकिन यह अनुरोध विवाद का कारण बन गया। वहां मौजूद कुछ लोगों, जिनमें अनिल कुमार, निखिल कुमार उर्फ निक्कू, सागर, साहिल वर्मा उर्फ गोलू, विनय पासवान, अंकित पासवान और सौरभ शामिल थे, ने पुलिसकर्मियों के साथ बदसलूकी शुरू कर दी। 

स्थिति तब और बिगड़ गई जब आरोपियों ने पुलिसकर्मियों पर शारीरिक हमला किया, गाली-गलौच की और जान से मारने की धमकी दी। कांस्टेबल आशीष के सिर पर चोट आई, और जब उन्होंने घटना का वीडियो बनाने की कोशिश की, तो आरोपियों ने उनका मोबाइल छीनकर तोड़ दिया। आयोजकों ने जागरण के लिए ली गई अनुमति के नियमों का भी उल्लंघन किया था, जिसने मामले को और गंभीर बना दिया।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

घटना की गंभीरता को देखते हुए, कांस्टेबल आशीष ने डोईवाला थाने में शिकायत दर्ज की। इसके आधार पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं—191(2), 132, 121(1), 126(2), 223(बी), 351(3), 352, 324(2), और 3(5) बीएनएस—के तहत मामला दर्ज किया। डोईवाला पुलिस ने तुरंत एक विशेष टीम गठित की और सीसीटीवी फुटेज, स्थानीय सूत्रों, और अन्य सुरागों के आधार पर जांच शुरू की। 

16 अप्रैल 2025 को, पुलिस ने दिल्ली फार्म, हर्रावाला से सातों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए लोगों में 47 वर्षीय अनिल कुमार से लेकर 19 वर्षीय साहिल वर्मा उर्फ गोलू शामिल हैं। सभी आरोपी हर्रावाला और आसपास के क्षेत्रों के निवासी हैं।

कानून व्यवस्था पर सवाल

यह घटना न केवल कानून व्यवस्था की चुनौतियों को दर्शाती है, बल्कि सामुदायिक आयोजनों में नियमों के पालन की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है। जागरण जैसे धार्मिक आयोजनों में तेज आवाज और शोर को लेकर अक्सर शिकायतें मिलती हैं, लेकिन इस तरह की हिंसक प्रतिक्रिया चिंता का विषय है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि ऐसी घटनाएं समुदाय और पुलिस के बीच विश्वास को कमजोर कर सकती हैं। 

By Ganga

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *