Dehradun News : रायपुर, देहरादून में एक बार फिर अपराध की दुनिया ने अपना चेहरा दिखाया, जब सहस्त्रधारा रोड से एक टाटा सूमो की चोरी की वारदात ने स्थानीय लोगों को हैरान कर दिया। लेकिन दून पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सतर्कता ने इस मामले को सुलझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दो शातिर चोरों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि तीसरा अभी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। आइए, इस घटना के पीछे की पूरी कहानी को करीब से जानते हैं।
चोरी की रात और पुलिस की शुरुआती कार्रवाई
22 अप्रैल 2025 की रात, जब पूरा शहर नींद में डूबा था, तब अज्ञात चोरों ने रायपुर के सहस्त्रधारा रोड पर खड़ी टाटा सूमो (वाहन नंबर: UK-07-TB-1044) को चुरा लिया। वाहन के मालिक, सुर्य प्रकाश, जो टिहरी गढ़वाल के रहने वाले हैं, ने अगले दिन थाना रायपुर में शिकायत दर्ज की। उनकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। यह घटना न केवल स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय थी, बल्कि पुलिस के लिए भी एक चुनौती बन गई थी।
पुलिस ने बिना समय गंवाए सघन चेकिंग अभियान शुरू किया। हर्रावाला बैरियर पर तैनात पुलिस टीम को एक संदिग्ध वाहन तेज रफ्तार में आता दिखा। जैसे ही पुलिस ने वाहन को रुकने का इशारा किया, चालक ने गाड़ी को गलत दिशा में मोड़कर भागने की कोशिश की। लेकिन भाग्य ने उनका साथ नहीं दिया, और फ्लाईओवर पर वाहन अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
दुर्घटना और चोरों का कबूलनामा
दुर्घटनाग्रस्त वाहन में तीन लोग सवार थे। पुलिस ने तुरंत उन्हें हिरासत में लिया और सख्ती से पूछताछ की। पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि यह वही टाटा सूमो थी, जिसे सहस्त्रधारा रोड से चुराया गया था। अभियुक्तों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। दुर्घटना में घायल होने के कारण तीनों को तुरंत 108 एंबुलेंस के जरिए कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया।
24 अप्रैल 2025 को, दो अभियुक्तों, मौ. अकील (30 वर्ष) और बबलू साहनी (26 वर्ष) को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पुलिस ने हिरासत में लिया। तीसरा अभियुक्त, नंदलाल, गंभीर रूप से घायल होने के कारण अभी भी अस्पताल में उपचाराधीन है। पूछताछ में यह भी सामने आया कि इन चोरों का आपराधिक इतिहास रहा है और वे पहले भी वाहन चोरी के मामलों में जेल जा चुके हैं।
दून पुलिस की मुस्तैदी का परिचय
इस मामले को सुलझाने में दून पुलिस की टीम ने दिन-रात एक कर दी। उपनिरीक्षक ज्योति प्रसाद उनियाल के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल महावीर सिंह और रमेश स्नेही ने अपनी सूझबूझ और तत्परता से चोरों को पकड़ने में सफलता हासिल की। पुलिस की इस कार्रवाई ने न केवल चोरी के वाहन को बरामद कर लिया, बल्कि स्थानीय लोगों में सुरक्षा का भरोसा भी जगाया।
क्या कहती है यह घटना?
यह घटना हमें सतर्क रहने की सीख देती है। वाहन चोरी जैसी वारदातें अक्सर हमारी लापरवाही का फायदा उठाती हैं। अपने वाहनों को सुरक्षित स्थान पर पार्क करने, लॉक सिस्टम को मजबूत करने और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने जैसे छोटे-छोटे कदम हमें ऐसी घटनाओं से बचा सकते हैं। साथ ही, दून पुलिस की त्वरित कार्रवाई इस बात का सबूत है कि कानून का पहरा हमेशा चौकस रहता है।
पुलिस इस मामले में और गहराई से जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या ये चोर किसी बड़े गिरोह का हिस्सा हैं। साथ ही, पुलिस ने जनता से अपील की है कि अगर किसी को संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिले, तो तुरंत नजदीकी थाने में संपर्क करें। आपकी छोटी सी सूचना किसी बड़े अपराध को रोक सकती है।