Chardham Yatra 2025 : उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बीच, प्रदेश सरकार ने पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। स्वास्थ्य विभाग ने 45 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति कर दी है, जो जिला चिकित्सालयों, उप जिला चिकित्सालयों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अपनी सेवाएं देंगे। यह कदम न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि चारधाम यात्रा पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए भी राहत की खबर है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए बताया कि इन विशेषज्ञ डॉक्टरों में सर्जरी, स्त्री एवं प्रसूति रोग, एनेस्थीसिया, बाल रोग, नेत्र रोग, ईएनटी, फॉरेंसिक मेडिसिन और जनरल मेडिसिन जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर यह नियुक्ति इतनी जरूरी क्यों थी? दरअसल, उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में लंबे समय से विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी एक बड़ी चुनौती रही है। आपातकालीन सेवाओं से लेकर सामान्य इलाज तक, मरीजों को कई बार देहरादून या अन्य बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ता था। इस कमी को दूर करने के लिए सरकार ने पहले इन डॉक्टरों को पीजी कोर्स के लिए भेजा और अब कोर्स पूरा होने के बाद उन्हें पर्वतीय जिलों में तैनात किया गया है।
डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को हर कोने तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। चारधाम यात्रा जैसे बड़े आयोजन के दौरान स्वास्थ्य सुविधाएं और भी महत्वपूर्ण हो जाती हैं। इन नियुक्तियों से न केवल स्थानीय लोग लाभान्वित होंगे, बल्कि यात्रियों को भी बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी।” इन डॉक्टरों को जल्द से जल्द अपने नए तैनाती स्थल पर कार्यभार संभालने के निर्देश दिए गए हैं। यदि कोई डॉक्टर निर्धारित समय पर कार्यभार ग्रहण नहीं करता, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
यह कदम उत्तराखंड के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगाता है। पर्वतीय क्षेत्रों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की मौजूदगी से न केवल मरीजों का इलाज आसान होगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं पर लोगों का भरोसा भी बढ़ेगा। चारधाम यात्रा जैसे बड़े आयोजन के दौरान, जब लाखों लोग इन क्षेत्रों में आते हैं, तब आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की जरूरत और बढ़ जाती है। ऐसे में यह नियुक्तियां समय की मांग थीं।