Rudrapur Latest News : रुद्रपुर शहर के वार्ड नंबर 22 में सोमवार की देर शाम एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे टंकी मोहल्ले को हिलाकर रख दिया। दो अराजक गुटों के बीच पुराने वर्चस्व की जंग ने उस समय खतरनाक मोड़ ले लिया, जब दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर तमंचों से फायरिंग शुरू कर दी।
इस गोलीबारी में सड़क पर खेल रहे मासूम बच्चों को निशाना बनना पड़ा। सात साल के हर्ष, बारह साल के निखिल, आठ साल के तनुज, आठ साल के ऋषभ और सात साल की गरिमा के पैरों में छर्रे लगे। घायल बच्चों को तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर कर दिया गया।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, टंकी मोहल्ले में दोनों गुटों के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा है। छोटी-छोटी बातों पर होने वाली कहासुनी अक्सर हिंसक रूप ले लेती है। सोमवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। बच्चे अपने घरों के बाहर खेल रहे थे, तभी दोनों गुट आमने-सामने आ गए। बिना किसी की परवाह किए, उन्होंने तमंचे निकाले और फायरिंग शुरू कर दी। गोलीबारी की आवाज से मोहल्ले में अफरातफरी मच गई। मासूम बच्चे दीवारों के सहारे छिपने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन छर्रों से बच न सके।
हर्ष के पिता गेंदन कोली, जो एक स्थानीय स्वीट्स शॉप पर काम करते हैं, ने बताया कि उन्हें घटना की सूचना मिलते ही घर की ओर दौड़े। बच्चों की हालत देख उनका दिल बैठ गया। उन्होंने बताया, “अगर गोली किसी बच्चे के सिर या सीने में लग जाती, तो हमारी जिंदगी उजड़ जाती।” गुस्साए गेंदन ने कहा कि ये गुट मोहल्ले के लिए सिरदर्द बन चुके हैं। वे अस्पताल से लौटते ही पुलिस में तहरीर देंगे और सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे।
मोहल्ले के अन्य निवासियों में भी इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि अगर पुलिस समय रहते इन गुटों पर नकेल नहीं कसती, तो भविष्य में और बड़ी अनहोनी हो सकती है। क्या यह हिंसा यूं ही चलती रहेगी? क्या मासूम बच्चों की जान को खतरे में डालने वाले इन गुंडों पर कोई लगाम नहीं लगेगी? स्थानीय पुलिस ने घटनास्थल का दौरा किया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी की खबर नहीं है, लेकिन पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही दोषियों को पकड़ा जाएगा।
रुद्रपुर जैसे छोटे शहर में इस तरह की घटनाएं न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं, बल्कि आम लोगों के मन में डर भी पैदा करती हैं। टंकी मोहल्ले के लोग अब शांति और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस घटना को गंभीरता से लेगा और भविष्य में ऐसी वारदातों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगा?