19 May 2025, Mon

Triyuginarayan Temple: जहां भगवान शिव ने लिए थे सात फेरे, अब बन गया ग्लोबल वेडिंग स्पॉट!

Uttarakhand Wedding : देवभूमि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में बसा त्रिजुगीनारायण मंदिर आज एक वैश्विक विवाह स्थल के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। यहाँ की पवित्र भूमि, जहाँ भगवान शिव और माता पार्वती ने सात फेरे लिए थे, अब दुनिया भर के जोड़ों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। सनातन परंपराओं के साथ विवाह का सपना साकार करने के लिए देश-विदेश से लोग यहाँ पहुँच रहे हैं। शादी के मौसम में यहाँ की रौनक देखते ही बनती है, जब हर महीने सैकड़ों जोड़े इस पवित्र मंदिर में अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड को डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए एक आदर्श स्थान के रूप में बार-बार प्रस्तुत किया है। उनकी इस अपील का असर साफ दिखाई देता है। त्रिजुगीनारायण में न केवल जोड़ों की संख्या बढ़ रही है, बल्कि यहाँ का स्थानीय कारोबार भी फल-फूल रहा है। होटल मालिकों से लेकर पंडित, वेडिंग प्लानर, ढोल वादक और मंगल गीत गाने वाली टीमें, सभी के लिए यहाँ रोजगार के नए अवसर खुल रहे हैं। यह मंदिर न केवल आध्यात्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती दे रहा है।

इस साल 2025 में त्रिजुगीनारायण में अब तक 500 से अधिक शादियाँ हो चुकी हैं, जो पिछले साल की कुल 600 शादियों से कहीं अधिक प्रभावशाली है। स्थानीय वेडिंग प्लानर रंजना रावत बताती हैं कि मई में सिंगापुर की एक डॉक्टर प्राची यहाँ अपनी शादी के लिए आ रही हैं। उन्होंने पहले ही जीएमवीएन टीआरएच में बुकिंग कर ली है।

रंजना के अनुसार, इसरो के वैज्ञानिक, अभिनेत्री चित्रा शुक्ला, कविता कौशिक, गायक हंसराज रघुवंशी और यूट्यूबर आदर्श सुयाल जैसे कई जानी-मानी हस्तियाँ यहाँ सात फेरे ले चुकी हैं। यहाँ की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शादी के लिए महीनों पहले बुकिंग करानी पड़ती है।

मंदिर के पुजारी सच्चिदानंद पंचपुरी बताते हैं कि यहाँ विवाह वैदिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न होते हैं। शादी के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है और माता-पिता या अभिभावकों की उपस्थिति में ही समारोह होता है। मंदिर परिसर में सात फेरों के लिए विशेष वेदी तैयार की जाती है, जहाँ अखंड ज्योति के सामने जोड़े अपनी जिंदगी की शुरुआत करते हैं। अन्य समारोह नजदीकी होटलों और रिसॉर्ट्स में आयोजित किए जाते हैं, जहाँ स्थानीय पुजारी दक्षिणा के साथ सभी रस्में पूरी करते हैं।

त्रिजुगीनारायण मंदिर का आध्यात्मिक महत्व भी इसे खास बनाता है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और मान्यता है कि यहीं शिव-पार्वती का विवाह हुआ था। मंदिर में जलने वाली अखंड अग्नि को उसी पवित्र अग्नि का प्रतीक माना जाता है, जिसके सामने शिव-पार्वती ने फेरे लिए थे। मंदिर की बनावट केदारनाथ मंदिर से मिलती-जुलती है, जो इसे और भी आकर्षक बनाती है। यहाँ की शांति और पवित्रता हर जोड़े को एक अनूठा अनुभव देती है।

उत्तराखंड सरकार भी डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि देवभूमि उत्तराखंड मेहमानों का स्वागत करने के लिए हमेशा तैयार है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, आध्यात्मिकता और आतिथ्य हर जोड़े के लिए एक यादगार अनुभव बनाते हैं। त्रिजुगीनारायण न केवल एक विवाह स्थल है, बल्कि यह एक ऐसी जगह है, जहाँ सपने सच होते हैं और नई जिंदगी की शुरुआत एक पवित्र बंधन के साथ होती है।

By Ganga

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *