Jal Jeevan Mission : उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आज एक अहम बैठक ने सुर्खियां बटोरीं, जहां देवभूमि जल शक्ति कांट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन ने जल जीवन मिशन के तहत भुगतान में हो रही देरी पर गहरी नाराजगी जताई। चंदन नगर में आयोजित इस बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित अग्रवाल ने ठेकेदारों की बदहाल वित्तीय स्थिति और जनता के गुस्से का जिक्र करते हुए सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हर घर नल, हर घर जल का सपना उत्तराखंड में अधर में लटकता नजर आ रहा है, और इसका कारण है समय पर फंड की कमी।
जल जीवन मिशन के तहत उत्तराखंड में ठेकेदारों ने दिन-रात मेहनत कर 80 से 95 प्रतिशत तक काम पूरा कर लिया है। गाँव-गाँव तक पानी की पाइपलाइन बिछाने से लेकर नल लगाने तक, ठेकेदारों ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई। लेकिन फंड की कमी ने उनके हाथ बांध दिए हैं।
अमित अग्रवाल ने बताया कि ठेकेदारों का करीब दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान बकाया है। इस देरी के कारण ठेकेदार न तो मजदूरों को वेतन दे पा रहे हैं, न मशीनरी का किराया चुका पा रहे हैं और न ही वेंडरों का भुगतान कर पा रहे हैं। हालात इतने खराब हैं कि कई ठेकेदार बैंक का ब्याज, जीएसटी और इनकम टैक्स तक नहीं भर पा रहे।
इस स्थिति ने ठेकेदारों को दोहरी मार झेलने पर मजबूर कर दिया है। एक तरफ सरकार की ओर से समय पर काम पूरा करने का दबाव है, तो दूसरी तरफ फंड न मिलने के कारण प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं। अधूरी पाइपलाइनों और नलों में पानी न आने से जनता का गुस्सा भी ठेकेदारों पर ही निकल रहा है।
कई इलाकों में सड़कें खोदी गई हैं, लेकिन पाइपलाइन का काम पूरा न होने से लोगों को परेशानी हो रही है। अमित अग्रवाल ने कहा कि ठेकेदार सामाजिक जिम्मेदारी और प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए बिना भुगतान के भी काम करते रहे, लेकिन अब उनकी हालत ऐसी है कि वे आगे काम करने में असमर्थ हैं।
एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है। अमित अग्रवाल ने कहा कि अगर जल्द ही भुगतान जारी नहीं किया गया, तो न केवल ठेकेदारों की वित्तीय स्थिति और बिगड़ेगी, बल्कि हर घर जल का सपना भी अधूरा रह जाएगा। बैठक में उपाध्यक्ष सचिन मित्तल और महासचिव सुनील गुप्ता ने भी ठेकेदारों की समस्याओं को जोरदार तरीके से उठाया।
उत्तराखंड की जनता और ठेकेदार अब सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जल जीवन मिशन को गति मिले और बकाया भुगतान जल्द से जल्द जारी हो। यह न केवल ठेकेदारों के लिए, बल्कि हर उस परिवार के लिए जरूरी है, जो अपने घर में नल से शुद्ध पानी का इंतजार कर रहा है।