Dehradun News : उत्तर प्रदेश के कानपुर में चिड़ियाघर में शेरों और अन्य जीवों की मौत के बाद मुरादाबाद में बर्ड फ्लू का अलर्ट जारी होने से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। इस खबर ने देहरादून (Dehradun) में भी पशुपालन विभाग को सतर्क कर दिया है।
हालांकि, देहरादून में अभी तक Bird Flu का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन पड़ोसी जिलों जैसे बिजनौर (Bijnor), मुरादाबाद (Moradabad), सहारनपुर (Saharanpur), और मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए सावधानी बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं। यह लेख आपको देहरादून में बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदमों और स्थिति की गंभीरता के बारे में विस्तार से बताएगा।
देहरादून में बर्ड फ्लू की निगरानी
देहरादून में पशुपालन विभाग ने बर्ड फ्लू के संभावित खतरे को देखते हुए अपनी निगरानी तेज कर दी है। जिले में करीब 40 मुर्गी फार्म (Poultry Farms) संचालित हो रहे हैं, जहां प्रत्येक फार्म में 3,000 से 5,000 मुर्गियों का पालन होता है। इन फार्मों से मुर्गियों का व्यापार न केवल देहरादून, बल्कि अन्य शहरों तक होता है।
इस कारण, पशुपालन विभाग ने सभी मुर्गी फार्म मालिकों को सतर्क रहने और स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दी है। डोईवाला (Doiwala), रायपुर (Raipur), सहसपुर (Sahas-pur), और विकासनगर (Vikasnagar) जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मुर्गी फार्म मौजूद हैं, जिन पर विशेष नजर रखी जा रही है।
पशु चिकित्सकों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि अगर उन्हें किसी भी मुर्गी या अन्य पक्षी में असामान्य लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत ब्लड सैंपलिंग (Blood Sampling) कर सैंपल को ऋषिकेश (Rishikesh) की प्रयोगशाला में भेजा जाए। देहरादून में 30 बड़े पशु चिकित्सालय और लगभग 50 छोटी डिस्पेंसरी को इस संबंध में एक एडवाइजरी जारी की गई है। यह कदम सुनिश्चित करता है कि अगर बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने आता है, तो उसे तुरंत पकड़ा और नियंत्रित किया जा सके।
गो आश्रय स्थलों पर विशेष ध्यान
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (CVO) विद्यासागर कापड़ी (Vidyasagar Kapdi) ने बताया कि देहरादून में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन विभाग कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। उन्होंने कहा, “हमने सभी पशु चिकित्सकों को संदिग्ध मामलों में तुरंत सैंपलिंग करने के निर्देश दिए हैं।
इसके अलावा, मुर्गी फार्मों और गो आश्रय स्थलों (Cow Shelters) पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव और नियमित सफाई सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।” यह कदम न केवल मुर्गियों, बल्कि गो आश्रय स्थलों में रहने वाले पशुओं की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि बर्ड फ्लू का खतरा अन्य पशुओं को भी प्रभावित कर सकता है।
पड़ोसी जिलों से खतरा
बर्ड फ्लू का खतरा देहरादून के लिए इसलिए भी गंभीर है, क्योंकि यह पड़ोसी जिलों जैसे मुरादाबाद, बिजनौर, सहारनपुर, और मुजफ्फरनगर से घिरा हुआ है। इन जिलों में मुर्गी फार्मों से देहरादून और अन्य शहरों में मुर्गियों की आपूर्ति होती है। अगर इनमें से किसी भी जिले में बर्ड फ्लू फैलता है, तो यह देहरादून के लिए भी खतरा बन सकता है। इसीलिए, पशुपालन विभाग ने सभी मुर्गी फार्म मालिकों को नियमित जांच और स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रेरित किया है।
पशुपालन विभाग ने जनता से अपील की है कि वे मुर्गी और अन्य पक्षियों के मांस को अच्छी तरह पकाकर खाएं और किसी भी असामान्य लक्षण वाले पक्षी को तुरंत पशु चिकित्सक को दिखाएं। साथ ही, मुर्गी फार्म मालिकों को सलाह दी गई है कि वे अपने फार्म में बाहरी लोगों का प्रवेश सीमित करें और नियमित रूप से कीटाणुनाशक दवाओं का उपयोग करें। यह सुनिश्चित करेगा कि बर्ड फ्लू जैसी बीमारी को फैलने से रोका जा सके।