Dehradun News : उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों में बसी मसूरी, जहां हर साल लाखों पर्यटक प्रकृति का आनंद लेने आते हैं, वहां की पुलिस ने एक बार फिर अपनी संवेदनशीलता और त्वरित कार्यवाही से लोगों का दिल जीत लिया।
हाल ही में, महाराष्ट्र से आए एक श्रद्धालु, गोपाल विनायक राव खाड़े, के लिए दून पुलिस ने उनकी खोई हुई चीज को न केवल ढूंढ निकाला, बल्कि उनके चेहरे पर मुस्कान भी लौटा दी। यह कहानी न सिर्फ पुलिस की कर्तव्यनिष्ठा को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे छोटी-छोटी मदद से किसी का दिन बनाया जा सकता है।
खोया मोबाइल, ढूंढा पुलिस ने
महाराष्ट्र के अकोला निवासी गोपाल विनायक राव खाड़े मसूरी की सैर पर आए थे। 3 जून, 2025 को वह अपनी यात्रा का आनंद ले रहे थे, तभी उनका मोबाइल कहीं खो गया। गोपाल ने अपनी ओर से मोबाइल को ढूंढने की हर संभव कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। निराश होकर उन्होंने मसूरी कोतवाली में इसकी सूचना दी। उनकी शिकायत सुनते ही कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक ने तुरंत एक पुलिस टीम को गोपाल की मदद के लिए भेजा।
त्वरित कार्रवाई और स्थानीय सहयोग
दून पुलिस ने बिना समय गंवाए कार्रवाई शुरू की। गोपाल द्वारा बताए गए स्थान और आसपास के इलाकों में पुलिस ने सघन तलाशी अभियान चलाया। इसके साथ ही, स्थानीय लोगों से भी जानकारी जुटाई गई। पुलिस की मेहनत रंग लाई और गोपाल का खोया हुआ मोबाइल लाइब्रेरी चौकी के पास से सुरक्षित बरामद कर लिया गया। मोबाइल वापस पाकर गोपाल की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने न केवल पुलिस की कार्यकुशलता की तारीफ की, बल्कि उत्तराखंड पुलिस के प्रति अपनी कृतज्ञता भी व्यक्त की।
पुलिस की मानवीयता का एक और उदाहरण
यह घटना दून पुलिस की मानवीयता और कर्तव्यपरायणता का एक और उदाहरण है। पर्यटकों के लिए मसूरी जैसे लोकप्रिय स्थल पर ऐसी त्वरित और सहृदय सहायता न केवल विश्वास जगाती है, बल्कि उत्तराखंड पुलिस की छवि को और मजबूत करती है। गोपाल ने कहा, “मैंने कई जगहों की पुलिस देखी है, लेकिन दून पुलिस की तत्परता और सहयोगी रवैया अनुकरणीय है।”
यह छोटी सी घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि पुलिस न केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए है, बल्कि आम लोगों की छोटी-छोटी समस्याओं को सुलझाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।