Haryana News : हरियाणा में एक बार फिर भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सुर्खियों में है। Haryana Urban Development Authority (HUDA) में हुए 72 करोड़ रुपये के वैट रिफंड घोटाले ने राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। Enforcement Directorate (ED) ने इस मामले में मंगलवार को दो बड़े आरोपियों—पूर्व अधिकारी Sunil Kumar Bansal और पूर्व विधायक Ramniwas Surjakhera—को गिरफ्तार किया है।
यह घोटाला न केवल वित्तीय अनियमितताओं का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे कुछ लोग सिस्टम का दुरुपयोग कर जनता के भरोसे को ठेस पहुंचाते हैं। आइए, इस मामले की गहराई में उतरकर समझते हैं कि आखिर क्या है यह घोटाला और कैसे सामने आई इसकी सच्चाई।
घोटाले की शुरुआत
सूत्रों के अनुसार, यह घोटाला 2015 से 2019 के बीच हुआ, जब HUDA के बैंक खाते से बिना किसी ठोस कारण के 72 करोड़ रुपये से अधिक की राशि विभिन्न फर्जी कंपनियों को ट्रांसफर की गई। इस मामले में Sunil Kumar Bansal, जो उस समय HUDA में वरिष्ठ अधिकारी थे, और Ramniwas Surjakhera, जो HUDA में सुपरिंटेंडेंट के पद पर तैनात थे, ने कथित तौर पर बिल्डरों के साथ मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया।
Ramniwas Surjakhera ने बाद में VRS लेकर राजनीति में कदम रखा और विधायक बने, लेकिन उनके पुराने कारनामों ने अब उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
Enforcement Directorate (ED) की Chandigarh टीम ने इस मामले में गहन जांच की और दोनों आरोपियों को Panchkula की एक विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने दोनों को 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया है, ताकि इस घोटाले की और परतें खुल सकें। Chief Minister Nayab Singh Saini ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति है।
कितना बड़ा है यह घोटाला?
प्रारंभिक जांच में 72 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था, लेकिन अब ED के सूत्रों का दावा है कि यह राशि दो से तीन गुना तक हो सकती है। यानी, यह मामला 200 करोड़ रुपये से भी अधिक का हो सकता है। इस घोटाले की शुरुआत तब हुई, जब HUDA के तत्कालीन मुख्य लेखा अधिकारी Chaman Lal ने 7 मार्च 2023 को Sunil Kumar Bansal के खिलाफ Panchkula Sector-7 Police Station में FIR दर्ज कराई।
शिकायत में कहा गया कि Punjab National Bank (PNB) की Chandigarh शाखा में HUDA के खाते से फर्जी तरीके से पैसे निकाले गए, जिससे सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हुआ।
ED ने इस मामले में पहले ही तीन अंतरिम कुर्की आदेश जारी किए थे, जिसके तहत 21 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की गई हैं। जांच एजेंसी अब उन फर्जी कंपनियों और बिल्डरों की तलाश में है, जिन्हें इस राशि का लाभ पहुंचाया गया।
जनता के भरोसे पर चोट
यह घोटाला केवल आर्थिक नुकसान तक सीमित नहीं है। यह उन लाखों लोगों के भरोसे पर चोट है, जो सरकारी योजनाओं और संस्थानों पर भरोसा करते हैं। HUDA जैसी संस्था, जो हरियाणा के शहरी विकास के लिए जिम्मेदार है, में इस तरह की अनियमितताएं न केवल प्रशासनिक विफलता को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी सवाल उठाती हैं कि क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।
Prime Minister Narendra Modi ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कई बार कही है, और इस मामले में ED की सक्रियता उस दिशा में एक कदम है।