Haryana News : हरियाणा में भ्रष्टाचार के खिलाफ सैनी सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। राजस्व विभाग में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 129 अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट को मंजूरी दे दी है।
यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है, जिसके तहत राजस्व विभाग के नायब तहसीलदार, तहसीलदार और डीआरओ जैसे अधिकारियों पर नकेल कसी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, इन अधिकारियों पर बिना एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) के रजिस्ट्री करने का आरोप है, जो विशेष रूप से कोरोना काल के दौरान बड़े पैमाने पर सामने आया।
भ्रष्टाचार पर सख्ती
मामले की शुरुआत तब हुई, जब राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने विभाग में अनियमितताओं की शिकायतों पर गौर किया। वित्तायुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा ने जांच के बाद एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया, जिसमें 129 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई।
शुरू में यह सूची 100 से कम थी, लेकिन गहन जांच के बाद इसमें कई और नाम जुड़ गए। मंगलवार रात को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी। यह कदम हरियाणा सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने की बात कही गई है।
कोरोना काल में अनियमितताएं
जांच में सामने आया कि कोरोना महामारी के दौरान हरियाणा के कई जिलों में नियम 7ए के तहत एनओसी के बिना हजारों रजिस्ट्रियां की गईं। उस समय राजस्व विभाग की कमान तत्कालीन उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के पास थी। अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने नियमों को ताक पर रखकर गलत तरीके से रजिस्ट्रियां कीं। खास तौर पर नियम 7ए की अनदेखी कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया। सरकार ने अब इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई का फैसला किया है।
कार्रवाई का दायरा
जानकारी के अनुसार, जिन अधिकारियों ने 50 से ज्यादा रजिस्ट्रियां बिना एनओसी के कीं, उनके खिलाफ हरियाणा सिविल सर्विसेज कोड के रूल 7 के तहत चार्जशीट तैयार की गई है। वहीं, 50 से कम रजिस्ट्रियां करने वाले अधिकारियों पर रूल 8 के तहत कार्रवाई होगी। यह प्रक्रिया दो से तीन चरणों में पूरी होगी। सरकार का यह कदम न केवल भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है, बल्कि यह भी संदेश देता है कि नियमों की अनदेखी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।