Haryana News : हरियाणा में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए सरकार ने गंगा नदी का पानी उत्तर प्रदेश से लाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। लंबे समय से चले आ रहे सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर विवाद के बाद अब हरियाणा की नजर गंगा के पानी पर है, ताकि राज्य की जनता को पीने का साफ पानी मिल सके।
करीब ढाई साल पहले, तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गंगा का पानी हरियाणा लाने की दिशा में कदम उठाए थे, और अब वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इस योजना को नई गति दे रहे हैं।
गंगा-यमुना लिंक नहर का सपना
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को गंगा का पानी उत्तर प्रदेश से लाने के सभी संभावित रास्तों पर काम करने का निर्देश दिया है। इस दिशा में सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने इंजीनियर-इन-चीफ वीरेंद्र सिंह को एक उच्च स्तरीय समिति बनाने का आदेश दिया।
यह समिति उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के साथ मिलकर गंगा का पानी हरियाणा तक लाने के लिए विभिन्न चैनलों और तकनीकी विकल्पों पर चर्चा करेगी। समिति को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी है, जिसके आधार पर आगे की रणनीति तैयार होगी।
पहले भी हो चुके हैं प्रयास
मनोहर लाल ने अपने कार्यकाल के दौरान गंगा-यमुना लिंक नहर बनाने का विचार रखा था। नवंबर 2022 में उन्होंने केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर इस दिशा में सहयोग मांगा था। हालांकि, विधानसभा चुनावों की व्यस्तता के चलते यह योजना कुछ समय के लिए ठंडे बस्ते में चली गई। अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस दिशा में फिर से तेजी लाने के लिए अधिकारियों को सभी विकल्पों पर विचार करने को कहा है।
उत्तर प्रदेश ने सुझाए पांच विकल्प
उत्तर प्रदेश सरकार ने हरियाणा को गंगा का पानी लाने के लिए पांच संभावित चैनल सुझाए हैं। इनमें खतौली के पास हिंडन बैरियर, बदरूद्दीन नगर, मुरादनगर और यमुनानगर जैसे चैनल शामिल हैं। इन रास्तों के जरिए गंगा का पानी हरियाणा तक पहुंचाया जा सकता है। समिति इन विकल्पों का तकनीकी और व्यावहारिक मूल्यांकन कर रही है, ताकि सबसे बेहतर और किफायती रास्ता चुना जा सके।