Haryana News : हरियाणा के नूंह जिले में बदलाव की बयार बह रही है। सरकार ने जिले के 115 गांवों को मॉडल गांव में तब्दील करने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है, जिसका मकसद ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और समग्र विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाना है।
यह पहल न केवल नूंह के गांवों की तस्वीर बदलेगी, बल्कि स्वच्छ भारत मिशन को भी जमीनी हकीकत में बदलने का काम करेगी। इसके साथ ही, जिले में सड़कों के विकास का काम भी जोरों पर है, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी का वादा करता है।
मॉडल गांवों की राह पर नूंह
नूंह जिला प्रशासन ने 115 गांवों को मॉडल गांव बनाने की योजना को हरी झंडी दी है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रदीप अहलावत ने बताया कि इस योजना के तहत हर घर में सूखा और गीला कचरा अलग-अलग इकट्ठा करने की व्यवस्था लागू की जाएगी।
इसके लिए प्रत्येक घर को हरी और नीली डस्टबिन दी जाएगी। कचरा प्रबंधन को और प्रभावी बनाने के लिए पंचायत स्तर पर निगरानी समितियां गठित की जाएंगी, जबकि विशेष वाहनों के जरिए कचरे का संग्रहण होगा। साथ ही, माइक्रो लेवल पर कंपोस्ट खाद बनाने के लिए प्रबंधन केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे।
इसके अलावा, ग्रामीणों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने के लिए नियमित कैंप और रैलियों का आयोजन होगा। ये प्रयास न केवल गांवों को साफ-सुथरा बनाएंगे, बल्कि ग्रामीणों के जीवन स्तर को भी बेहतर करेंगे। यह कदम स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण भारत को स्वच्छ और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सड़कों के विकास से बढ़ेगी कनेक्टिविटी
नूंह जिले में सड़कें भी विकास की नई कहानी लिख रही हैं। हरियाणा के लोक निर्माण एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर गंगवा ने 30 जून को बताया कि जिले में इस समय 106 किलोमीटर लंबी सड़कों के सुधारीकरण का काम चल रहा है। इसके अलावा, 525 किलोमीटर लंबी सड़कों के लिए मंजूरी मिल चुकी है, जिनका निर्माण जल्द शुरू होगा। मंत्री ने दावा किया कि इस साल के अंत तक नूंह की सभी सड़कों को दुरुस्त कर लिया जाएगा।
उन्होंने लोक निर्माण विभाग (बी एंड आर) के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि सभी विकास कार्य समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरे किए जाएं। गंगवा ने कहा कि अच्छी सड़कें न केवल यातायात को सुगम बनाती हैं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास का भी मजबूत आधार तैयार करती हैं। बेहतर सड़कों से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी मजबूत होगी, जिससे स्थानीय लोगों का सफर आसान और सुरक्षित होगा।