Uttarakhand Weather Update : उत्तराखंड में मॉनसून की भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। चमोली जिले में भूस्खलन और मलबे के कारण सड़कों पर आवाजाही ठप हो गई है, जिसके चलते प्रशासन ने सभी सरकारी और अर्द्धसरकारी स्कूलों में आज अवकाश घोषित कर दिया है।
मौसम विभाग ने देहरादून, रुद्रप्रयाग, टिहरी और बागेश्वर जैसे पर्वतीय जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि अन्य जिलों में येलो अलर्ट लागू है। अगले कुछ दिनों तक, यानी 12 जुलाई 2025 तक, बारिश का यह सिलसिला जारी रहने की संभावना है। चारधाम यात्रा पर आए तीर्थयात्रियों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 50 से ज्यादा सड़कें बंद हैं।
चमोली में विद्युत आपूर्ति पर संकट
चमोली जिले में हालात और भी गंभीर हैं। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि पिटकुल की 66 केवी की विद्युत लाइन में खराबी के कारण जोशीमठ क्षेत्र में बिजली आपूर्ति पूरी तरह बाधित है। इस वजह से स्थानीय लोग अंधेरे में समय काट रहे हैं। प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित किया है, ताकि बच्चों और कर्मचारियों को किसी खतरे का सामना न करना पड़े।
मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए जिला प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।
सड़कों पर मलबे का ढेर, तीर्थयात्रियों की मुश्किलें
लगातार बारिश और भूस्खलन ने उत्तराखंड की सड़कों को बुरी तरह प्रभावित किया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, विकासनगर-कालसी-बड़कोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर लखवाड़ बैंड के पास मलबा आने से यातायात पूरी तरह ठप है। इसी तरह, उत्तरकाशी में ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग औजरी के पास बंद है।
चमोली में 13, पिथौरागढ़ में सात, बागेश्वर में चार, और नैनीताल में काठगोदाम-हैडाखान राज्यमार्ग सहित कई ग्रामीण सड़कें भी मलबे की चपेट में हैं। इन बंद सड़कों ने चारधाम यात्रा को और मुश्किल बना दिया है, जिससे तीर्थयात्री और स्थानीय लोग परेशान हैं। प्रशासन और सीमा सड़क संगठन (BRO) सड़कों को खोलने में जुटे हैं, लेकिन बारिश की वजह से यह काम धीमा पड़ रहा है।
आने वाले दिनों में और सतर्कता की जरूरत
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश और भूस्खलन का खतरा बना रहेगा। खासकर पर्वतीय इलाकों में नदियों का जलस्तर बढ़ने और सड़कों पर मलबा गिरने की आशंका है। प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों से दूर रहने और यात्रा से पहले मौसम की जानकारी लेने की सलाह दी है। चारधाम यात्रा पर रोक और सड़कों की स्थिति ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित किया है, क्योंकि तीर्थयात्री और पर्यटक अब सतर्कता बरत रहे हैं।