Dengue Cases in Dehradun : उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मानसून का मौसम अपने साथ डेंगू की चुनौती भी लेकर आया है। शनिवार को शहर में डेंगू के तीन नए मामले सामने आए, जिसके बाद जिले में कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 229 हो गई है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, अभी 19 मरीजों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है, जबकि एक मरीज होम आइसोलेशन में है। राहत की बात यह है कि अब तक इस बीमारी से किसी की जान नहीं गई है। लेकिन सवाल यह है कि क्या देहरादून डेंगू के इस खतरे से निपटने के लिए तैयार है?
डेंगू पर स्वास्थ्य विभाग की कड़ी नजर
स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम इस बीमारी को काबू करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। फॉगिंग, लार्वा सर्वे और जागरूकता अभियान जोर-शोर से चलाए जा रहे हैं। देहरादून जिले के डेंगू नोडल अधिकारी और नवनियुक्त एसीएमओ डॉ. प्रदीप राणा ने बताया कि अब तक 12,609 सैंपल टेस्ट किए गए हैं, जिनमें से 229 लोग डेंगू पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें 117 मरीज देहरादून के स्थानीय निवासी हैं, जबकि 112 अन्य क्षेत्रों से आए हैं। अच्छी खबर यह है कि 210 मरीज अब पूरी तरह ठीक हो चुके हैं।
डॉ. राणा ने बताया कि डेंगू का प्रकोप मौसम के तापमान पर काफी हद तक निर्भर करता है। अगर तापमान बढ़ता है, तो डेंगू के मामले और तेजी से बढ़ सकते हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
मच्छरों के खिलाफ जंग
डेंगू को जड़ से खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीमें हर वार्ड में सक्रिय हैं। वॉलंटियर्स और आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लार्वा नष्ट कर रहे हैं। इसके अलावा, एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के साथ मिलकर डेंगू के मामलों पर नजर रखी जा रही है। जहां भी नया केस सामने आता है, वहां तुरंत फॉगिंग की जा रही है। डेंगू पॉजिटिव मरीजों को मच्छरदानी और मॉस्किटो रेपेलेंट भी मुफ्त में दिए जा रहे हैं।
घर में छिपा है डेंगू का खतरा
डॉ. प्रदीप राणा ने बताया कि डेंगू का मच्छर (एडीज) साफ पानी में पनपता है। घरों में पड़े नारियल के खोल, पुराने टायर, गमले, कूलर, पानी की टंकियां और छत पर जमा पानी इस मच्छर के लिए अनुकूल माहौल तैयार करते हैं। इसलिए लोगों को अपने घरों के आसपास साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीमें प्रभावित इलाकों में लगातार फॉगिंग और लार्वा नष्ट करने का काम कर रही हैं।
अस्पतालों में खास इंतजाम
डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए देहरादून के सभी सरकारी अस्पतालों को खास निर्देश दिए गए हैं। हर अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए अलग वार्ड रिजर्व रखने को कहा गया है, ताकि मरीजों को समय पर बेहतर इलाज मिल सके। स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ताओं ने अब तक 5,56,874 घरों का सर्वे किया है, जिनमें 1,218 घरों में डेंगू का लार्वा पाया गया। वहीं, 23,10,466 कंटेनरों की जांच में 1,343 में लार्वा मिला। वॉलंटियर्स ने भी 6,43,396 घरों का सर्वे पूरा किया है।
आप भी रहें सावधान
डेंगू से बचने के लिए सावधानी ही सबसे बड़ा हथियार है। अपने घरों को साफ रखें, पानी जमा न होने दें और मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी और रेपेलेंट का इस्तेमाल करें। स्वास्थ्य विभाग की टीमें पूरी तरह अलर्ट हैं, लेकिन इस जंग में जनता का सहयोग भी जरूरी है। अगर आप डेंगू के लक्षण जैसे बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द या चकत्ते देखते हैं, तो तुरंत नजदीकी अस्पताल में जांच करवाएं।