Dehradun News : दिल्ली से मसूरी की सैर पर निकले चार दोस्तों का मजा उस वक्त खौफ में बदल गया, जब एक हादसा हो गया। अलसुबह करीब 3 बजे एक युवक सड़क किनारे नेचुरल कॉल के लिए उतरा, लेकिन पैर फिसलने से वह 200 मीटर गहरी खाई में जा गिरा। हादसे की खबर से हड़कंप मच गया। मसूरी पुलिस, एसडीआरएफ और फायर सर्विस की टीम ने फौरन मौके पर पहुंचकर युवक को रेस्क्यू किया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया।
रेस्क्यू ऑपरेशन
मसूरी पुलिस को 112 आपातकालीन सेवा के जरिए सूचना मिली कि मसूरी रोड पर कोलू खेत से करीब 2 किलोमीटर ऊपर, गलोगी के पास एक व्यक्ति गहरी खाई में गिर गया है। खबर मिलते ही अपर उप निरीक्षक बुद्धि प्रकाश अपनी पुलिस टीम और फायर सर्विस के जवानों के साथ मौके पर पहुंचे। हादसे की गंभीरता को देखते हुए फायर सर्विस और एसडीआरएफ की टीम को तुरंत बुलाया गया।
अंधेरे और दुर्गम पहाड़ी इलाके में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना आसान नहीं था। फिर भी, करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद घायल युवक को खाई से सुरक्षित निकाल लिया गया। 108 एम्बुलेंस की मदद से उसे दून अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसका प्राथमिक उपचार चल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि युवक को कई जगह चोटें आई हैं, लेकिन समय पर रेस्क्यू होने की वजह से उसकी जान बच गई।
दोस्तों ने बताया
पुलिस के मुताबिक, घटनास्थल पर मौजूद हिमांशु राजपूत, जो उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के जहांगीराबाद का रहने वाला है, ने बताया कि वह अपने भाई मनीष सिंह और दो दोस्तों, राहुल राणा और सौरभ राणा के साथ मसूरी घूमने जा रहा था। चारों दोस्त अपनी निजी कार (नंबर यूपी-13सीसी 1252) से दिल्ली से मसूरी की ओर निकले थे।
गलोगी के पास उनकी कार रुकी, जहां मनीष नेचुरल कॉल के लिए सड़क किनारे गया। तभी उसका पैर फिसला और वह 200 फीट गहरी खाई में गिर गया। हादसे के बाद बाकी दोस्तों में अफरा-तफरी मच गई। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस और रेस्क्यू टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए मनीष को खाई से निकाला और अस्पताल पहुंचाया।
पहाड़ी रास्तों का खतरा
मसूरी मार्ग पर आए दिन इस तरह के हादसे होते रहते हैं। पहाड़ी रास्तों की मुश्किल भरी चढ़ाई और संकरे रास्ते हल्की सी लापरवाही को भी जानलेवा बना देते हैं। खासकर रात के समय लोग अक्सर ऐसी दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। हाल के दिनों में इस तरह की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। पुलिस और स्थानीय प्रशासन बार-बार लोगों को सावधानी बरतने की सलाह देते हैं, लेकिन लापरवाही के चलते हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे।