Tinchari Mai : उत्तराखंड की लोक नायिका दीपा नौटियाल, जिन्हें “टिंचरी माई” और “ठगुली देवी” के नाम से जाना जाता है, उनकी जिंदगी पर आधारित हिंदी फिल्म “टिंचरी माई: द अनटोल्ड स्टोरी” जल्द ही सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है।
सोशल मीडिया पर इस फिल्म का पोस्टर वायरल हो चुका है, और दर्शकों में उत्साह की लहर दौड़ रही है। संस्कृति प्रेमी और सिनेमा फैंस इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यह फिल्म न केवल एक कहानी है, बल्कि एक ऐसी शख्सियत की गाथा है, जिसने समाज में बदलाव की मशाल जलाई।
निर्देशक और निर्माता की जोड़ी
इस फिल्म को निर्देशित किया है के. डी. उनीयाल ने, जबकि निर्माता हैं नवीन नौटियाल, मनुज नौटियाल, मन्जु नौटियाल, विनय अग्रवाल और महेश गुप्ता। यह फिल्म उत्तराखंड की उन ताकतवर महिलाओं की कहानी को सामने लाती है, जो समाज में बदलाव की प्रेरणा बनती हैं। यह न सिर्फ सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देगी, बल्कि उत्तराखंड के स्थानीय सिनेमा को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
कौन थीं टिंचरी माई?
दीपा नौटियाल का जन्म 1917 में पौड़ी-गढ़वाल के मन्ज्यूर गांव में हुआ था। महज 12 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई, और 22 साल की उम्र में उनके पति द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटिश इंडियन आर्मी के लिए लड़ते हुए शहीद हो गए। इस दुखद घटना ने उनकी जिंदगी को बदल दिया। उन्होंने संन्यास ले लिया और समाज सेवा को अपनी जिंदगी का मकसद बनाया।
हरिद्वार, सिगड़ी-भाबर, मोटाढांग, बद्रीनाथ, केदारनाथ और पौड़ी जैसे इलाकों में उन्होंने शिक्षा, जल संकट और सामाजिक उत्थान के लिए दिन-रात मेहनत की। उन्होंने स्कूल खोले और पूरे समुदाय को शिक्षा की राह दिखाई। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में रहा उनका नशा विरोधी अभियान। खास तौर पर स्थानीय शराब “टिंचरी” के खिलाफ उनका आंदोलन इतना जोरदार था कि लोग आज भी उसे याद करते हैं। एक बार तो उन्होंने मिट्टी का तेल और माचिस लेकर अवैध शराब की दुकान में आग लगा दी और फिर खुद पुलिस के पास गिरफ्तारी देने चली गईं। उनके इस साहस ने उन्हें “टिंचरी माई” का खिताब दिलाया।
फिल्म का इंतजार क्यों?
सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि यह फिल्म उत्तराखंड सिनेमा में नई क्रांति लाएगी। हालांकि अभी रिलीज डेट की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक यह फिल्म सितंबर 2025 में सिनेमाघरों में आ सकती है। फैंस और दर्शक इस अनसुनी कहानी को बड़े पर्दे पर देखने के लिए बेताब हैं।
उत्तराखंड सिनेमा को नई पहचान
पिछले कुछ सालों में उत्तराखंडी फिल्मों को राज्य सरकार का भी पूरा साथ मिला है। 2024 में कई उत्तराखंडी फिल्में बनीं, और नई फिल्म नीति के तहत वित्तीय मदद, सब्सिडी और सिनेमाघरों में प्रदर्शन जैसे कदम उठाए गए। “टिंचरी माई” जैसी फिल्में न सिर्फ इतिहास को जीवंत करेंगी, बल्कि स्थानीय गर्व और जागरूकता को भी बढ़ाएंगी।
“टिंचरी माई: द अनटोल्ड स्टोरी” सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक ऐसी महिला की जिंदगी का आलम है, जिसने सामाजिक बुराइयों, जात-पात, विधवा-विरोध और शिक्षा की कमी जैसी चुनौतियों को साहस के साथ ललकारा। यह फिल्म उत्तराखंड के लोगों में नया जोश और प्रेरणा जगाएगी। दर्शकों को उम्मीद है कि यह फिल्म स्थानीय सिनेमा को नई दिशा देगी और टिंचरी माई की गाथा को हर घर तक पहुंचाएगी।