19 May 2025, Mon

Dehradun News : देहरादून में नशा तस्करी का बड़ा खुलासा! जोड़ी बनाकर चला रहे थे स्मैक का धंधा

Dehradun News : देहरादून की सड़कों पर नशे का जाल बिछाने वाले दो सगे भाई-बहन की कहानी उस वक्त खत्म हुई, जब दून पुलिस ने उनकी काली करतूतों पर नकेल कस दी। जल्दी पैसा कमाने की लालच में ये दोनों अवैध स्मैक का धंधा चला रहे थे, लेकिन अब सलाखों के पीछे अपनी किस्मत को कोस रहे हैं।

डोईवाला इलाके में पुलिस ने इन दोनों को 21.45 ग्राम स्मैक के साथ रंगे हाथों पकड़ा, जिसकी कीमत करीब साढ़े छह लाख रुपये बताई जा रही है। यह कार्रवाई न सिर्फ एक बड़ी सफलता है, बल्कि उत्तराखंड को नशा मुक्त बनाने के सपने को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम भी है।

कैसे शुरू हुई नशे की यह काली कमाई?

पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि सैनिक नाथ नाम का यह युवक हरिद्वार के मंगलौर से स्मैक खरीदकर लाता था। फिर अपनी बहन अंजली के साथ मिलकर डोईवाला और आसपास के इलाकों में नशे के आदी लोगों को इसे बेचता था। अंजली अपने घर से ही इस गैरकानूनी धंधे को अंजाम देती थी। दोनों का टारगेट मजदूर, ड्राइवर और नशे की लत में डूबे लोग थे। यह जोड़ी छोटे-छोटे सौदों से लाखों की कमाई कर रही थी, लेकिन उनकी यह चालाकी ज्यादा दिन नहीं चल सकी।

पुलिस की मुस्तैदी और मुख्यमंत्री का सपना

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का विजन है कि 2025 तक देवभूमि को ड्रग्स से मुक्त किया जाए। इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सभी थानों को सख्त निर्देश दिए हैं कि नशे के कारोबारियों पर शिकंजा कसा जाए। इसी कड़ी में 6 अप्रैल 2025 को डोईवाला पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर जंगलात चौकी जौलीग्रांट के पास छापा मारा। वहां से सैनिक नाथ और उसकी बहन अंजली को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके पास से बरामद स्मैक को देखकर साफ हो गया कि यह छोटा-मोटा खेल नहीं, बल्कि एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा था।

कौन हैं ये नशे के सौदागर?

गिरफ्तार हुए सैनिक नाथ की उम्र 26 साल है और वह डोईवाला की सपेरा बस्ती का रहने वाला है। उसकी बहन अंजली 35 साल की है और उसी इलाके में रहती है। दोनों ने मिलकर नशे का ऐसा जाल फैलाया था, जो युवाओं और मजदूरों की जिंदगी को बर्बाद कर रहा था। पुलिस ने इनके खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है और आगे की जांच जारी है।

समाज के लिए सबक और पुलिस की मेहनत

यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि आसान पैसा कमाने की चाहत कितने लोगों को गलत रास्ते पर ले जा सकती है। लेकिन दून पुलिस की सजगता और मेहनत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि कानून से कोई नहीं बच सकता। इस ऑपरेशन में शिशुपाल राणा, सुमित चौधरी जैसे पुलिसकर्मियों की टीम ने अहम भूमिका निभाई। अब सवाल यह है कि क्या यह कार्रवाई नशे के खिलाफ जंग में मील का पत्थर साबित होगी? जवाब वक्त देगा, लेकिन फिलहाल यह साफ है कि पुलिस अपने मिशन में कोई कसर नहीं छोड़ रही।

By Ganga

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