2 Jun 2025, Mon

Dehradun News : नगर निगम की ‘साहूकारी’ नीति से व्यापारियों में आक्रोश! जानें, व्यापार मंडल ने क्या रखा प्रस्ताव

देहरादून : देहरादून में व्यापारियों का जीवन इन दिनों आसान नहीं है। एक ओर ऑनलाइन शॉपिंग और मॉल्स की बढ़ती तादाद ने स्थानीय बाजारों को चौपट कर दिया है, तो दूसरी ओर नगर निगम की सख्त नीतियां उनकी कमर तोड़ रही हैं। आज, 26 मार्च 2025 को दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल का एक प्रतिनिधिमंडल मेयर सौरभ थपलियाल से मिला और अपनी व्यथा सुनाई।

व्यापारियों का कहना है कि 2016 की स्वयं मूल्यांकन नीति के तहत व्यापारिक संपत्तियों पर लगने वाले कर के साथ 12 प्रतिशत ब्याज वसूलना न सिर्फ अनुचित है, बल्कि उनके लिए असहनीय बोझ बन गया है।

ब्याज वसूली: राहत का वादा, फिर भी नहीं मिली मदद

करीब डेढ़ साल पहले, 31 दिसंबर 2023 को पूर्व मेयर सुनील उनियाल गामा ने व्यापारियों की मांगों को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया था। नगर निगम बोर्ड की बैठक में व्यापारिक संपत्तियों पर ब्याज वसूली खत्म करने का प्रस्ताव पास हुआ। यह कदम व्यापारियों के उत्पीड़न और उनकी परेशानियों को कम करने की दिशा में एक उम्मीद की किरण था।

लेकिन अफसोस, यह प्रस्ताव कागजों तक ही सीमित रह गया। आज भी नगर निगम मूलधन से दोगुना ब्याज वसूल रहा है। व्यापारियों का सवाल है कि आखिर यह अन्याय कब तक चलेगा? पिछले 9 सालों में नगर निगम ने करोड़ों रुपये ब्याज के रूप में वसूल लिए, जो किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता।

कोरोना काल ने तोड़ी कमर, अब ब्याज ने छीनी नींद

कोरोना महामारी ने व्यापारियों को पहले ही घुटनों पर ला दिया था। तीन साल तक बाजार महीनों बंद रहे, कई व्यापारियों की जान गई, और उनके परिवार आज भी रोजी-रोटी के संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में नगर निगम का ब्याज वसूलना नमक पर मिर्च छिड़कने जैसा है। व्यापारी पूछते हैं, “क्या नगर निगम जनता की सेवा के लिए है या साहूकार की तरह ब्याज कमाने के लिए?” उनका मानना है कि नगर निगम का असली मकसद जनता के हित में काम करना होना चाहिए, न कि पहले से परेशान व्यापारियों पर और बोझ डालना।

मॉल और ऑनलाइन व्यापार से बढ़ी मुश्किलें

स्थानीय व्यापारियों की मुश्किलें सिर्फ नगर निगम की नीतियों तक सीमित नहीं हैं। ऑनलाइन शॉपिंग और जगह-जगह बनते मॉल्स ने उनके कारोबार को बुरी तरह प्रभावित किया है। दुकानें चलाना, कर्मचारियों को वेतन देना और परिवार पालना अब एक जंग बन गया है। व्यापारी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं और उन्हें लगता है कि उनकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही। ऐसे में वे मेयर से गुहार लगा रहे हैं कि उनकी जायज मांगों पर ध्यान दिया जाए।

व्यापारियों की मांगें: राहत की उम्मीद

दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल ने मेयर के सामने कुछ ठोस मांगें रखी हैं। वे चाहते हैं कि व्यापारिक संपत्तियों पर कर की दरें कम की जाएं, कोरोना काल के तीन साल का कर माफ हो, और 2016 से 2025 तक वसूला गया ब्याज या तो वापस किया जाए या भविष्य के कर में समायोजित हो। साथ ही, बोर्ड द्वारा पारित ब्याज वसूली पर रोक को तुरंत लागू करने की मांग भी उठाई गई है। व्यापारियों को उम्मीद है कि मेयर उनकी पीड़ा समझेंगे और जल्द राहत देंगे।

आगे की राह

यह मुद्दा सिर्फ देहरादून के व्यापारियों का नहीं, बल्कि हर उस छोटे कारोबारी का है जो सिस्टम की सख्ती और बदलते बाजार के बीच पिस रहा है। क्या नगर निगम व्यापारियों के हित में कदम उठाएगा या यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा? जवाब का इंतजार अब देहरादून की जनता और व्यापारी वर्ग को है।

By Ganga

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *