देहरादून: उत्तराखंड के राजभवन में वसंतोत्सव 2025 की शुरुआत हो चुकी है। अगले तीन दिनों तक आम लोग राजभवन के खूबसूरत नजारों का लुत्फ उठा सकेंगे। यहां रंग-बिरंगे फूलों की शानदार सजावट के साथ-साथ उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता की अनोखी छटा देखने को मिलेगी। यह आयोजन न केवल आंखों को सुकून देगा, बल्कि राज्य की समृद्ध बागवानी परंपरा को भी प्रदर्शित करेगा।
7 मार्च 2025, शुक्रवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने वसंतोत्सव का उद्घाटन किया। इस मौके पर राजभवन परिसर फूलों की बहार से सज गया है। पहले दिन दोपहर 1 बजे से शाम 6 बजे तक लोग फूलों की खूबसूरती देख सकते हैं, जबकि 8 और 9 मार्च को सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए दरवाजे खुले रहेंगे। उद्घाटन समारोह में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी भी मौजूद रहे।
हर साल की तरह, इस बार भी राजभवन में फ्लोरीकल्चर और हॉर्टिकल्चर से जुड़ी सैकड़ों संस्थाओं ने अपने स्टॉल्स लगाए हैं। हॉर्टिकल्चर विभाग के संयुक्त निदेशक रतन कुमार ने बताया कि वसंतोत्सव का लक्ष्य राज्य में फूलों की खेती और बागवानी को बढ़ावा देना है। इस बार 26 सरकारी विभागों और 188 से अधिक निजी संस्थाओं ने स्टॉल्स के जरिए अपनी भागीदारी दिखाई है।
इनमें स्वयं सहायता समूह, किसान उत्पादक संगठन (FPO), निजी कंपनियां और सामाजिक संगठन शामिल हैं, जो बागवानी और फ्लोरीकल्चर से जुड़े उत्पादों को प्रदर्शित कर रहे हैं।
महिलाओं के लिए खास मौका
रतन कुमार ने बताया कि वसंतोत्सव में हर साल कट फ्लावर प्रतियोगिता और प्रदर्शनी का आयोजन होता है। इस बार महिलाओं के लिए विशेष तौर पर कट फ्लावर प्रतियोगिता और प्रदर्शनी रखी गई है। यह प्रतियोगिता दो श्रेणियों – पारंपरिक और गैर-पारंपरिक – में आयोजित होगी। पारंपरिक श्रेणी में विकसित जिलों को शामिल किया गया है, जहां फ्लोरीकल्चर का लंबा इतिहास है, जबकि गैर-पारंपरिक में पहाड़ी इलाकों को मौका दिया गया है।
14 श्रेणियों में प्रतियोगिताएं
इस बार कट फ्लावर प्रतियोगिता 14 श्रेणियों में हो रही है, जिनमें से 8 गैर-पारंपरिक हैं। इस साल लिलियम फूल को भी प्रतियोगिता में शामिल किया गया है। साथ ही, दिव्यांग पुष्प उत्पादकों के लिए पिछले साल से शुरू की गई प्रतियोगिताएं इस बार भी जारी हैं। इनमें हैंगिंग पॉट्स, बोनसाई और कट फ्लावर जैसी अलग-अलग प्रतियोगिताएं शामिल हैं। यह आयोजन न सिर्फ प्रतिभा को मंच देता है, बल्कि बागवानी के क्षेत्र में नए अवसर भी खोलता है।