18 May 2025, Sun

Dehradun : छोटे बच्चों ने निकाली बड़ी रैली, देहरादून की सड़कों पर गूंजा 'नहीं चाहिए बाल विवाह'

Dehradun : उत्तराखंड में सामाजिक कुरीतियों को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। आज श्री गुरु राम राय इंटर कॉलेज, पटेल नगर (Patel Nagar) में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून (District Legal Services Authority, Dehradun) ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल (State Legal Services Authority, Nainital) के मार्गदर्शन में दो महत्वपूर्ण अभियानों की शुरुआत की।

ये अभियान हैं- “बाल श्रम मुक्त उत्तराखंड” (Child Labour Free Uttarakhand) और “बाल विवाह मुक्त उत्तराखंड” (Child Marriage Free Uttarakhand)। ये दोनों अभियान समाज की उन गहरी जड़ें जमा चुकी समस्याओं को खत्म करने की दिशा में एक सशक्त प्रयास हैं, जो बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेल रही हैं।

बच्चों के भविष्य को बचाने की पहल

श्री गुरु राम राय इंटर कॉलेज में आयोजित इस कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती सीमा डुँगराकोटी (Seema Dungarakoti) ने स्कूली बच्चों से सीधा संवाद किया। उन्होंने बच्चों को बताया कि बाल श्रम (Child Labour) और बाल विवाह (Child Marriage) न केवल कानून के खिलाफ हैं, बल्कि ये बच्चों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास (Physical, Mental, and Social Development) को भी गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं।

“एक बच्चा जो पढ़ाई और खेलकूद में समय बिताने की बजाय मजदूरी करता है या कम उम्र में शादी के बंधन में बंध जाता है, उसका बचपन छिन जाता है। ऐसे में उसका भविष्य अधूरा रह जाता है,” श्रीमती डुँगराकोटी ने जोर देकर कहा। उन्होंने बच्चों को समझाया कि शिक्षा और आत्मनिर्भरता ही एक मजबूत समाज की नींव हैं। 

इस अवसर पर बच्चों को सोशल मीडिया (Social Media) के सही उपयोग, नशे के दुष्प्रभावों (Drug Abuse Effects), और पोक्सो एक्ट (POCSO Act) के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। यह सत्र न केवल शिक्षाप्रद रहा, बल्कि बच्चों के बीच जागरूकता फैलाने में भी प्रभावी साबित हुआ। 

स्कूल में उत्साहपूर्ण भागीदारी

कार्यक्रम में स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती राजेश अरोड़ा (Rajesh Arora) ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई। उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ मिलकर भविष्य में भी इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का संकल्प लिया। बच्चों ने इस अवसर पर बाल श्रम और बाल विवाह के खिलाफ पोस्टर और पेंटिंग प्रतियोगिता (Poster and Painting Competition) में हिस्सा लिया, जिसमें उनकी रचनात्मकता और जागरूकता ने सभी का ध्यान खींचा। इसके बाद, बच्चों ने देहरादून की सड़कों पर एक रैली निकाली, जिसमें उन्होंने नारे लगाए और पैंफलेट बांटकर आम लोगों को इन सामाजिक बुराइयों के प्रति जागरूक किया। 

ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचेगा अभियान

श्रीमती सीमा डुँगराकोटी ने बताया कि यह अभियान केवल देहरादून तक सीमित नहीं रहेगा। अगले तीन दिनों में विकासनगर (Vikasnagar), ऋषिकेश (Rishikesh), डोईवाला (Doiwala), और मसूरी (Mussoorie) के ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में भी पराविधिक कार्यकर्ता (Para-Legal Volunteers) शिविर लगाकर लोगों को जागरूक करेंगे। इन शिविरों का उद्देश्य समाज के हर वर्ग तक यह संदेश पहुंचाना है कि बाल श्रम और बाल विवाह जैसी कुरीतियों को खत्म करना हम सभी की जिम्मेदारी है। 

उन्होंने यह भी अपील की कि अगर किसी को बाल श्रम या बाल विवाह की घटना की जानकारी मिले, तो वे तुरंत पुलिस या संबंधित अधिकारियों को सूचित करें। इसके लिए चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 (Child Helpline Number 1098) पर भी संपर्क किया जा सकता है। 

सामूहिक प्रयास से बदलाव की उम्मीद

इस अभियान में पराविधिक कार्यकर्ता श्री उमेश्वर सिंह रावत (Umeshwar Singh Rawat) और स्कूल के शिक्षक श्री कपिल गोगिया (Kapil Gogiya), श्री विजय शर्मा (Vijay Sharma), श्रीमती अल्पी राणा (Alpi Rana), और श्रीमती तनवी सिंह (Tanvi Singh) ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

इस कार्यक्रम में 150 से अधिक छात्रों और 250 से अधिक लाभार्थियों ने हिस्सा लिया। यह अभियान न केवल बच्चों में जागरूकता फैलाने में सफल रहा, बल्कि समाज के अन्य वर्गों को भी इन कुरीतियों के खिलाफ एकजुट होने के लिए प्रेरित कर रहा है। 

By Ganga

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