देहरादून : उत्तराखंड के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। प्रदेश के चौबटिया, अल्मोड़ा में शीतोष्ण फलों (Temperate Fruits) के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा। भारत सरकार ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को 671.62 लाख रुपये की स्वीकृति दे दी है। इस परियोजना को इंडो-डच (नीदरलैंड) वर्किंग ग्रुप के सहयोग से आधुनिक तकनीकों के जरिए लागू किया जाएगा।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने इस परियोजना के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना राज्य में शीतोष्ण फल उत्पादन को नई दिशा देगी और किसानों को नई तकनीकों, अनुसंधान और आधुनिक खेती के तौर-तरीकों से परिचित कराएगी।
उत्तराखंड के किसानों को होगा बड़ा फायदा
यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सेब, आड़ू, नाशपाती, प्लम और अखरोट जैसी फसलों के उत्पादन को वैज्ञानिक रूप से बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत निम्नलिखित सुविधाओं को शामिल किया गया है:
- आधारभूत संरचना (Infrastructure Development)
- ट्रेनिंग हॉस्टल (Training Facility for Farmers)
- उन्नत सिंचाई प्रणाली (Modern Irrigation System)
- पॉलीहाउस तकनीक (Polyhouse Farming)
- सॉर्टिंग-ग्रेडिंग यूनिट (Sorting & Grading Unit)
- प्रदर्शन प्लॉट (Demonstration Blocks)
- कोल्ड स्टोरेज सुविधा (Cold Storage Facility)
कृषि मंत्री गणेश जोशी के अनुसार, इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य फसल उत्पादन और उत्पादकता में सुधार लाना है। इससे किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले फल उत्पादन की तकनीकें सीखने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी आय में भी वृद्धि होगी।
चौबटिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस: अनुसंधान और प्रशिक्षण का नया केंद्र
राजकीय उद्यान चौबटिया, अल्मोड़ा पहले से ही अपने बागवानी अनुसंधान और प्रयोगशालाओं के लिए प्रसिद्ध है। इस परियोजना के तहत इसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां किसान नई तकनीकों को सीखकर अपने खेतों में प्रयोग कर सकेंगे।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा, “उत्तराखंड में शीतोष्ण फल उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। यह सेंटर किसानों के लिए वरदान साबित होगा, जिससे वे आधुनिक तकनीकों को अपनाकर अपनी पैदावार और आय में बढ़ोतरी कर सकेंगे।”
इसके साथ ही, इस केंद्र के माध्यम से नई फसलों और किस्मों का मूल्यांकन किया जाएगा और किसानों को प्रायोगिक प्रदर्शन और प्रशिक्षण के जरिए जागरूक किया जाएगा। इससे उत्तराखंड को शीतोष्ण फल उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाने में मदद मिलेगी।
कृषि क्षेत्र में नई क्रांति की ओर उत्तराखंड
इस सेंटर के माध्यम से सरकार किसानों को वैज्ञानिक तरीकों से खेती करने के लिए प्रेरित करेगी, जिससे न केवल उत्पादकता में इजाफा होगा बल्कि उत्तराखंड को फलों के निर्यात और बागवानी उद्योग में भी नई पहचान मिलेगी।
इस कदम से स्थानीय किसानों को न केवल आधुनिक तकनीकों का ज्ञान मिलेगा बल्कि उन्हें बाजार में अपनी उपज का उचित मूल्य भी मिल सकेगा।