देहरादून : जनपद में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और संभावित आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए दून पुलिस ने एक बड़े पैमाने पर सत्यापन अभियान चलाया। इस विशेष अभियान के तहत शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक किरायेदारों, घरेलू कामगारों और बाहरी व्यक्तियों के दस्तावेजों की जांच की गई।
क्यों ज़रूरी है किरायेदारों और बाहरी व्यक्तियों का सत्यापन?
आजकल अपराधी नए शहरों में छिपने के लिए किराए के मकानों का सहारा लेते हैं। ऐसे में पुलिस प्रशासन बाहरी व्यक्तियों और किरायेदारों का रिकॉर्ड रखने के लिए सत्यापन अभियान चलाता है। यह अभियान केवल सुरक्षा ही नहीं, बल्कि नागरिकों की जिम्मेदारी भी सुनिश्चित करता है कि वे अपने मकान किराए पर देने से पहले उचित प्रक्रिया का पालन करें।
1574 व्यक्तियों के दस्तावेजों की जांच, 328 मकान मालिकों पर कार्रवाई
अभियान के दौरान पुलिस ने 1574 किरायेदारों और बाहरी व्यक्तियों का सत्यापन किया। इस दौरान यह भी पाया गया कि कई मकान मालिकों ने अपने किरायेदारों का पुलिस सत्यापन नहीं कराया था। ऐसे 328 मकान मालिकों के खिलाफ 83 पुलिस अधिनियम के तहत चालान किया गया और 32.80 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया गया।
संदिग्ध गतिविधियों पर पुलिस की पैनी नजर
इस अभियान के दौरान पुलिस को कुछ संदिग्ध व्यक्तियों की जानकारी भी मिली। गहन जांच के लिए 47 संदिग्ध लोगों को थाने लाया गया और उनसे पूछताछ की गई। इसके अलावा, 73 अन्य व्यक्तियों को 81 पुलिस अधिनियम के तहत चालान किया गया और उन पर 22,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।
सख्ती के बावजूद जनता को भी निभानी होगी ज़िम्मेदारी
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार, यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। पुलिस ने मकान मालिकों और आम नागरिकों से अपील की है कि वे किरायेदारों और घरेलू कामगारों का सत्यापन अवश्य कराएं। इससे कानून-व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलेगी और किसी भी संभावित खतरे को रोका जा सकेगा।