कार खरीदने के लिए मोटा पैसा खर्च करना पड़ता है. सबसे सस्ती कार भी करीब 4 लाख रुपये में आती है, फिर इसके ऊपर आप करोड़ों रुपयों तक की कार खरीद सकते हैं. लेकिन, हर किसी के पास इतना पैसा नहीं होता है. ऐसे में लोग कार खरीदने के लिए लोन लेते हैं. अब जो लोन लिया होगा उसे चुकाना भी जरूरी है. लोन को EMI के जरिए चुकाया जाता है.
यानी, हर महीने किस्त के रूप में लोन वापस किया जाता है. लेकिन, जब भी कार खरीदने के लिए लोन लें तो एक फार्मूला कभी ना फूलें, यह फार्मूला 20-10-4 है. कार लोन लेने वाले लोगों के लिए यह फार्मूला बहुत काम का है. इस फार्मूले को ध्यान में रखते हुए कार लोन लेने वाले लोग आसानी से EMI चुका पाते हैं.
क्या है 20-10-4 फॉर्मूला?
20-10-4 फॉर्मूले में पहले 20 का मतलब है कि वाहन खरीदने के लिए उसकी ऑन-रोड कीमत का कम से कम 20% डाउन पेमेंट करें और इसके बाद जो अमाउंट बचे, उसका लोन हैं. वहीं, 10 का मतलब है कि लोन की EMI आपकी मासिक आय के 10% से ज्यादा न हो.
इसके बाद, 4 का मतलब है कि लोन का टेन्योर अधिकतम चार साल होना चाहिए. यानी, 20-10-4 फॉर्मूले में 20 का मतलब- 20% डाउन पेमेंट (ऑन-रोड कीमत का), 10 का मतलब- मासिक आय के 10% EMI और 4 का मतलब- चार साल की लोन अवधि है.
इस फॉर्मूला के अनुसार, कार खरीदें तो लोन का ज्यादा बोझ आपके ऊपर नहीं आएगा. आप अपनी कमाई से बाकी के सभी जरूरी खर्चे करते हुए आसानी से कार लोन ऊतार पाएंगे. हालांकि, अगर आप डाउन पेमेंट को 20 फीसदी से बढ़ाते हैं तो लोन चुकाने में और ज्यादा सहूलियत होगी.
इसीलिए, कोशिश यही करें कि संभव हो तो 20 फीसदी (ऑन-रोड कीमत के) से ज्यादा ही डाउन पेमेंट करें, इससे लोन का अमाउंट कम होगा और ईएमआई भी कम होगी.