Dehradun News : देहरादून में एक सनसनीखेज घटना ने शिक्षा जगत को हिलाकर रख दिया है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा आयोजित नवोदय विद्यालय समिति और लैब अटेंडेंट की परीक्षा में नकल कराने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। दून पुलिस ने इस मामले में गिरोह के सरगना सहित दो मुख्य अभियुक्तों, विवेक सिंह और श्रीकांत, को गिरफ्तार किया है।
इनके साथ कुल 20 अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। यह कार्रवाई 19 मई 2025 को थाना डालनवाला क्षेत्र में की गई, जब परीक्षा केंद्र पर संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली। आइए, इस मामले की पूरी कहानी को विस्तार से जानते हैं।
ब्लूटूथ और हेयरिंग बड्स से रची गई साजिश
18 मई 2025 को देहरादून के डालनवाला स्थित दून इंटरनेशनल स्कूल में CBSE द्वारा आयोजित नवोदय विद्यालय समिति और लैब अटेंडेंट की परीक्षा चल रही थी। दूसरी पाली के दौरान कुछ अभ्यर्थियों की गतिविधियां संदिग्ध लगने पर केंद्र व्यवस्थापक ने तुरंत थाना डालनवाला पुलिस को सूचित किया।
मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की और चौंकाने वाला खुलासा हुआ। नौ अभ्यर्थी ब्लूटूथ डिवाइस और हेयरिंग बड्स के जरिए नकल कर रहे थे। पूछताछ में इन अभ्यर्थियों ने बताया कि विवेक सिंह (Vivek Singh) और श्रीकांत (Shrikant) ने उन्हें ये डिवाइस उपलब्ध कराए थे। इन दोनों ने प्रत्येक अभ्यर्थी से 7 लाख रुपये में पास कराने का सौदा किया था, जिसमें से 1 लाख रुपये बतौर एडवांस लिए गए थे।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से दोनों मुख्य अभियुक्तों को डालनवाला क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से पांच मोबाइल फोन और एक सफेद रंग की स्विफ्ट कार (Swift Car, नंबर HR-31-S-8759) बरामद की गई। यह कार नकल के इस पूरे ऑपरेशन में इस्तेमाल हो रही थी।
नकल का जाल
इस मामले ने न केवल शिक्षा प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि तकनीक के दुरुपयोग की गंभीरता को भी उजागर किया है। अभियुक्तों ने अभ्यर्थियों को हेयरिंग बड्स और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस देकर परीक्षा के दौरान सही उत्तर बताए। यह एक सुनियोजित साजिश थी, जिसमें प्रत्येक अभ्यर्थी से लाखों रुपये की उगाही की गई। गिरफ्तार अभियुक्त विवेक सिंह (27 वर्ष, जिला जींद, हरियाणा) और श्रीकांत (32 वर्ष, जिला रोहतक, हरियाणा) इस गिरोह के मास्टरमाइंड थे। पुलिस ने बताया कि ये दोनों लंबे समय से इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त थे।
पुलिस की मुस्तैदी और एसएसपी का नेतृत्व
इस पूरे ऑपरेशन में दून पुलिस की तत्परता और एसएसपी देहरादून (SSP Dehradun) के नेतृत्व की सराहना हो रही है। सूचना मिलते ही एसएसपी ने एक विशेष पुलिस टीम गठित की, जिसमें इंस्पेक्टर मनोज कुमार मैनवाल (Inspector Manoj Kumar Mainwal), सब-इंस्पेक्टर गुमान सिंह नेगी (Sub-Inspector Guman Singh Negi), और अन्य अधिकारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और तकनीकी सहायता से पुलिस ने अभियुक्तों को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई नकल माफियाओं के लिए एक कड़ा संदेश है कि कानून से बचना आसान नहीं है।
यह घटना केवल एक अपराध की कहानी नहीं है, बल्कि यह समाज और शिक्षा व्यवस्था पर गहरा सवाल उठाती है। नकल जैसे कृत्य न केवल मेहनती छात्रों के अवसर छीनते हैं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए गलत उदाहरण भी पेश करते हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए परीक्षा केंद्रों पर कड़ी निगरानी, तकनीकी संसाधनों का उचित उपयोग और समाज में जागरूकता फैलाने की जरूरत है। दून पुलिस की इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित किया है कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो, कानून की पहुंच से बच नहीं सकता।
पुलिस ने सभी 20 अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और मामले की गहन जांच जारी है। पुलिस ने जनता से अपील की है कि अगर किसी को इस तरह की नकल या अवैध गतिविधियों की जानकारी हो, तो वे तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें। दून पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।