Haryana News : हरियाणा सरकार ने श्रमिकों और उद्योगों से जुड़ी सेवाओं को और पारदर्शी व त्वरित बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 के तहत श्रम विभाग की 10 प्रमुख सेवाओं को अधिसूचित किया है, जिससे ठेकेदारों, कारखाना मालिकों और सन्निर्माण कर्मचारियों को समयबद्ध तरीके से सुविधाएं मिलेंगी। इस पहल का मकसद न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल करना है, बल्कि श्रमिकों के हितों की रक्षा करना और उद्योगों को सहूलियत देना भी है।
ठेका और कारखाना सेवाओं में तेजी
मुख्य सचिव डॉ. अनुराग रस्तोगी ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं। अब ठेका श्रम (विनियमन और उत्पादन) अधिनियम, 1970 के तहत ठेकेदारों के लिए मुख्य नियोक्ता की स्थापना, लाइसेंस का पंजीकरण और नवीकरण 26 दिनों के भीतर पूरा होगा। वहीं, कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत कारखाना योजनाओं का अनुमोदन और लाइसेंस जारी करने या नवीकरण की प्रक्रिया को 45 दिनों में पूरा करना अनिवार्य होगा। यह कदम उद्योगों को तेजी से संचालन शुरू करने में मदद करेगा।
दुकान पंजीकरण में लचीलापन
दुकानों के पंजीकरण को और आसान बनाने के लिए पंजाब दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1958 के तहत केवाईसी के आधार पर समय-सीमा तय की गई है। अगर केवाईसी अमान्य है, तो पंजीकरण मात्र एक दिन में हो जाएगा, जबकि मान्य केवाईसी के मामले में यह प्रक्रिया 15 दिनों में पूरी होगी। यह व्यवस्था छोटे व्यापारियों के लिए खासतौर पर फायदेमंद होगी।
निर्माण और प्रवासी श्रमिकों के लिए राहत
निर्माण क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों के लिए भी सरकार ने विशेष प्रावधान किए हैं। भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार अधिनियम, 1996 के तहत प्रतिष्ठानों का पंजीकरण अब 30 दिनों में होगा। इसके अलावा, अंतरराज्यीय प्रवासी कर्मकार अधिनियम, 1979 के तहत मुख्य नियोक्ता की स्थापना का पंजीकरण 26 दिनों में पूरा करना होगा। ये कदम प्रवासी और निर्माण श्रमिकों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को सुगम बनाएंगे।
कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समय पर
हरियाणा भवन तथा अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के तहत सन्निर्माण कर्मचारियों के पंजीकरण और नवीकरण की प्रक्रिया को 30 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही, बोर्ड की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभ को वितरित करने के लिए अधिकतम 90 दिनों की समय-सीमा तय की गई है। इससे श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा और अन्य लाभ समय पर मिल सकेंगे।
शिकायत निवारण तंत्र
इन सभी सेवाओं के सुचारू संचालन के लिए सरकार ने पदनामित अधिकारी, प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकारी और द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकारी भी नियुक्त किए हैं। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि किसी भी तरह की शिकायत का त्वरित निपटारा हो और सेवाएं बिना रुकावट के उपलब्ध हों।