Dehradun Crime : देहरादून के प्रेमनगर क्षेत्र में हाल ही में हुई एक चोरी की घटना ने स्थानीय लोगों को हैरान कर दिया था। लेकिन दून पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सूझबूझ ने न केवल इस मामले का खुलासा किया, बल्कि चोर को भी सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। यह घटना न सिर्फ पुलिस की सक्रियता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि अपराधी कितनी भी चालाकी दिखा लें, कानून के लंबे हाथों से बचना आसान नहीं। आखिर क्या थी यह पूरी घटना? और कैसे पुलिस ने इस मामले को सुलझाया? आइए, विस्तार से जानते हैं।
चोरी की घटना और शिकायत
सब कुछ शुरू हुआ सालावाला, राजपुर निवासी आशीष कुमार रतूड़ी की शिकायत से। उन्होंने प्रेमनगर थाने में एक प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उनकी स्कूटी (नंबर: यूके-14-बी-7722) और उसमें रखे दो मोबाइल फोन सुद्धोवाला जेल के बाहर से अज्ञात चोर ने चुरा लिए। यह घटना न केवल आशीष के लिए परेशानी का सबब बनी, बल्कि क्षेत्र में चोरी की बढ़ती वारदातों को लेकर लोगों में डर का माहौल भी बन गया। लेकिन दून पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और जांच
प्रेमनगर थाने में इस मामले को सुलझाने के लिए एक विशेष पुलिस टीम गठित की गई, जिसमें उप-निरीक्षक नरेंद्र सिंह बिष्ट, कांस्टेबल श्रीकांत मलिक, जसवीर और रोबिन सिंह शामिल थे। इस टीम ने सबसे पहले घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली।
फुटेज में संदिग्ध की कुछ झलकियां मिलीं, जिसके आधार पर पुलिस ने अपनी जांच को और गहरा किया। इसके साथ ही, स्थानीय मुखबिरों को सक्रिय किया गया और पुराने अपराधियों की गतिविधियों का सत्यापन शुरू हुआ। क्या यह कोई नया चोर था, या फिर पुराना अपराधी फिर से सक्रिय हो गया था? इस सवाल का जवाब पुलिस को जल्द ही मिलने वाला था।
अभियुक्त की गिरफ्तारी और बरामदगी
पुलिस की मेहनत और मुखबिरों की सूचना ने आखिरकार रंग दिखाया। 28 अप्रैल, 2025 को प्रेमनगर क्षेत्र से 26 वर्षीय गुलजार अली को गिरफ्तार कर लिया गया। गुलजार, जो सभावाला, सहसपुर का निवासी है, के कब्जे से चोरी की गई स्कूटी (नंबर: यूके-14-बी-7722) और दोनों मोबाइल फोन (रियलमी और सैमसंग) बरामद किए गए। पूछताछ में गुलजार ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। यह गिरफ्तारी न केवल इस मामले का समाधान थी, बल्कि क्षेत्र में चोरी की अन्य घटनाओं पर भी अंकुश लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुई।
पुलिस की सक्रियता
दून पुलिस की इस सफलता ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अपराधियों के लिए देहरादून में कोई जगह नहीं है। सीसीटीवी फुटेज, मुखबिरों की सूचना और पुराने रिकॉर्ड की जांच जैसी रणनीतियों ने इस मामले को जल्दी सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। स्थानीय लोगों ने भी पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई की सराहना की। लेकिन सवाल यह भी उठता है कि क्या ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और कदम उठाए जा सकते हैं? शायद, लोगों में जागरूकता और बेहतर सुरक्षा उपाय इस तरह की वारदातों को कम करने में मदद कर सकते हैं।