Uttarakhand News : उत्तराखंड में एक बड़े वित्तीय घोटाले ने हजारों निवेशकों को झटका दिया है। लोनी अर्बन मल्टी-स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (LUCC) पर निवेशकों के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगा है।
आज देहरादून में पुलिस महानिरीक्षक (गढ़वाल परिक्षेत्र) राजीव स्वरूप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस सोसाइटी ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में लोगों को ऊंचे रिटर्न का लालच देकर ठगा। सोसाइटी ने 4-5 साल में पैसा दोगुना करने का वादा किया था, लेकिन निवेशकों को न तो ब्याज मिला और न ही उनका मूल धन वापस किया गया।
लोनी अर्बन सोसाइटी ने बिना अनुमति के उत्तराखंड में 35 शाखाएं खोलीं और हजारों लोगों से पैसा जमा करवाया। शिकायतें मिलने पर जांच शुरू हुई, जिसमें पता चला कि सोसाइटी के प्रबंधक और अन्य जिम्मेदार लोग फरार हैं।
उत्तराखंड में इस मामले में 15 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें 20 लोगों को आरोपी बनाया गया है। जांच में यह भी सामने आया कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी इस सोसाइटी के खिलाफ 5 मामले दर्ज हैं।
सोसाइटी की स्थापना मुंबई के समीर अग्रवाल ने की थी, जिन्होंने उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, बिहार और पंजाब में 6 अलग-अलग सहकारी समितियां बनाई थीं।
उत्तराखंड में इस सोसाइटी का संचालन उर्मिला बिष्ट और जगमोहन बिष्ट कर रहे थे। अब तक 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है या उनके खिलाफ वारंट जारी हुआ है, लेकिन मुख्य आरोपी समीर अग्रवाल के दुबई में होने की जानकारी मिली है।
जांच में यह खुलासा हुआ कि उत्तराखंड में इस सोसाइटी ने करीब 92 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने स्वयं इसकी निगरानी की और केंद्र सरकार से बातचीत कर सभी मामलों की जांच CBI को सौंपने का फैसला लिया गया।
उत्तराखंड सरकार ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर इसकी जांच CBI से कराने की मांग की है, ताकि पीड़ित निवेशकों को जल्द न्याय मिल सके।