Ladki Bahin Yojana Scam : महाराष्ट्र की बहुचर्चित माझी लाडकी बहिन योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है। एनसीपी (एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने इस योजना में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि इस योजना के तहत करीब 14,000 पुरुषों को लाभ दिया गया है, जो पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है।
सुप्रिया ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। दूसरी ओर, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि अगर ऐसे लाभार्थी पाए गए, तो उनसे पैसे वसूले जाएंगे। आइए, इस मामले को विस्तार से समझते हैं।
सुप्रिया सुले ने खोली पोल
पुणे में पत्रकारों से बातचीत में सुप्रिया सुले ने इस घोटाले का पर्दाफाश किया। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि अगस्त 2024 में शुरू हुई लाडकी बहिन योजना की लाभार्थी लिस्ट में करीब 14,000 पुरुष शामिल हैं। इन पुरुषों को लगभग 21 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। सुप्रिया ने सवाल उठाया, “आखिर इन पुरुषों के नाम इस योजना में कैसे शामिल हुए? यह जांच का विषय है।”
उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि छोटे-मोटे मामलों में तो सरकार तुरंत सीबीआई और ईडी जांच शुरू कर देती है, लेकिन इस बड़े घोटाले पर चुप्पी क्यों? सुप्रिया ने मांग की कि सरकार तुरंत सीबीआई जांच का ऐलान करे ताकि यह पता लगे कि इन पुरुषों का नामांकन किसने करवाया।
अजीत पवार का सख्त जवाब
राज्य के वित्त पोर्टफोलियो को संभालने वाले उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने इस मामले पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “लाडकी बहिन योजना सिर्फ आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं के लिए बनाई गई है। इसमें किसी पुरुष को लाभ देने का कोई सवाल ही नहीं उठता। अगर ऐसे मामले सामने आए हैं, तो हम उनसे अब तक दी गई राशि की वसूली करेंगे।
अगर वे सहयोग नहीं करते, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।” अजीत पवार ने यह भी बताया कि जांच के दौरान कुछ ऐसी महिलाओं के नाम भी सामने आए, जो नौकरी करने के बावजूद योजना का लाभ ले रही थीं। उनके नाम लाभार्थी सूची से हटा दिए गए हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने दी सफाई
महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने शनिवार रात अपने एक्स हैंडल पर इस मामले पर बयान जारी किया। उन्होंने बताया कि आईटी विभाग के डेटा के मुताबिक, लाडकी बहिन योजना के 26.34 लाख लाभार्थी पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करते थे। इनमें कुछ पुरुष भी शामिल थे, जिन्होंने योजना के लिए आवेदन किया था।
इन सभी के लाभ अस्थायी रूप से निलंबित कर दिए गए हैं। तटकरे ने कहा कि जिला कलेक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर पात्र लाभार्थियों के लाभ जल्द ही फिर से शुरू किए जाएंगे।
यह मामला महाराष्ट्र की सियासत में हलचल मचा रहा है। सुप्रिया सुले के आरोपों और सरकार की सफाई के बीच जनता यह जानना चाहती है कि आखिर इस योजना में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई। क्या सीबीआई जांच से सच सामने आएगा? यह देखना दिलचस्प होगा।