12 Aug 2025, Tue

Tinchari Mai – The untold Story : देहरादून में गूंजी टिंचरी माई की दास्तान, देखिए फिल्म का शानदार ट्रेलर

Tinchari Mai – The untold Story : उत्तराखंड की मिट्टी से जुड़ी एक अनोखी फिल्म ‘टिंचरी माई: द अनटोल्ड स्टोरी’ का पोस्टर लॉन्च कार्यक्रम देहरादून के प्रिंस चौक स्थित एक होटल में धूमधाम से आयोजित हुआ।

इस मौके पर फिल्म के निर्देशक के.डी. उनियाल, निर्माता नवीन नौटियाल और लेखक लोकेश नवानी ने मीडिया से रूबरू होकर फिल्म की कहानी और इसके पीछे का जुनून साझा किया। यह फिल्म उत्तराखंड की महान सामाजिक कार्यकर्ता टिंचरी माई के जीवन पर आधारित है, जो 5 सितंबर 2025 को सिनेमाघरों में दस्तक देगी।

टिंचरी माई की प्रेरणादायक कहानी

मीडिया से बातचीत में निर्देशक के.डी. उनियाल ने बताया कि यह फिल्म उत्तराखंड की प्रसिद्ध जोगन और सामाजिक आंदोलनकारी टिंचरी माई के जीवन से प्रेरित है। यह कहानी उनके संघर्ष, त्याग, हिम्मत और सामाजिक बदलाव की लड़ाई को दर्शाती है। “टिंचरी माई की कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह आज के दौर में भी प्रासंगिक है। हमने इसे नए और समकालीन तरीके से पेश किया है,” उन्होंने कहा। यह फिल्म समाज में व्याप्त पितृसत्तात्मक व्यवस्था और स्त्री सशक्तीकरण जैसे मुद्दों को उजागर करती है।

उत्तराखंड की खूबसूरती में रची-बसी फिल्म

फिल्म के निर्माता नवीन नौटियाल ने बताया कि ‘टिंचरी माई’ की शूटिंग उत्तराखंड के खूबसूरत स्थानों जैसे बौंठ गांव, टिहरी, चोपता, उखीमठ, धारी देवी, मलेथा, देवप्रयाग संगम, बुग्गावाला, ज्वाल्पाजी, गवांणी, देहरादून के झंडाजी महाराज, गांधी पार्क, माल देवता, राजपुर मार्ग और कई अन्य जगहों पर हुई है। इस फिल्म में 50 से ज्यादा कलाकारों ने अपने अभिनय से जान डाली है। “हमने उत्तराखंड की संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता को इस फिल्म के जरिए दुनिया के सामने लाने की कोशिश की है,” नवीन ने कहा।

टिंचरी माई: एक योद्धा का जीवन

फिल्म के लेखक लोकेश नवानी ने टिंचरी माई के जीवन की मार्मिक कहानी साझा की। टिंचरी माई, जिनका असली नाम ठगुली देवी था, का जन्म पौड़ी गढ़वाल के थलीसैंण ब्लॉक के मंज्यूर गांव में हुआ था। छोटी उम्र में ही उन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया और 13 साल की उम्र में उनकी शादी गवांणी गांव के गणेशराम नवानी से हो गई, जो उनसे 11 साल बड़े थे।

गणेशराम, जो एक फौजी थे, उन्हें अपने साथ क्वेटा ले गए, लेकिन द्वितीय विश्वयुद्ध में उनकी शहादत के बाद टिंचरी माई अकेली रह गईं। अपने दो बच्चों के साथ गांव लौटीं टिंचरी माई को एक और त्रासदी का सामना करना पड़ा, जब हैजे की बीमारी ने उनके दोनों बच्चों को छीन लिया। समाज और परिवार के तिरस्कार ने उन्हें इतना आहत किया कि उन्होंने घर छोड़ दिया और कोटद्वार भाबर में जोगन बन गईं।

सामाजिक बदलाव की मशाल

टिंचरी माई ने अपने जीवन में कई सामाजिक लड़ाइयां लड़ीं। बिना औपचारिक शिक्षा के उन्होंने मोटाढाक कोटद्वार में स्कूल खोला, सिगड्डी गांव में पीने के पानी की समस्या के लिए संघर्ष किया और शराब माफिया के खिलाफ आंदोलन छेड़ा। उन्होंने टिंचरी (शराब) बेचने वाली दुकान को आग के हवाले कर दिया, जिससे सामाजिक बदलाव की एक मिसाल कायम हुई। यह फिल्म उनके इन संघर्षों को जीवंत करती है और समाज में स्त्री सशक्तीकरण और सामाजिक बदलाव जैसे सवालों को उठाती है।

फिल्म का निर्माण और टीम

‘टिंचरी माई: द अनटोल्ड स्टोरी’ का निर्माण एन.एन. प्रोडक्शन ने किया है। कार्यक्रम में एंजेल्स ड्रीम एंटरटेनमेंट के संजय मैठानी और अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। मुख्य अतिथि के रूप में नितिन उपाध्याय (कार्यकारी अधिकारी, फिल्म विकास परिषद), अतिविशिष्ट अतिथि चंद्रवीर गायत्री (प्रदेश अध्यक्ष, BSPS), और विशिष्ट अतिथि रमा गोयल (प्रदेश अध्यक्ष, वैश्य महिला समाज) ने शिरकत की।

फिल्म की स्क्रीनप्ले, संवाद और निर्देशन के.डी. उनियाल ने किया है, जबकि कहानी और रिसर्च सलाहकार लोकेश नवानी हैं। निर्माता नवीन नौटियाल, मंजू नौटियाल, मनुज नौटियाल, विनय अग्रवाल और महेश गुप्ता हैं। सिनेमैटोग्राफी विद्या नाथ भारती और संपादन मोहित कुमार ने किया है।

यहाँ देखें ट्रेलर :

रिलीज की तारीख 

‘टिंचरी माई: द अनटोल्ड स्टोरी’ हिंदी भाषा में 5 सितंबर 2025 को रिलीज होगी।

By Ganga

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