Dehradun News : उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के प्रेमनगर थाना क्षेत्र में एक ऐसी घटना ने सभी को हिलाकर रख दिया, जिसने नशा मुक्ति केंद्रों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए। मांडोवाला में कर्मा वेल्फेयर सोसाइटी नामक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती दो युवकों ने मामूली विवाद के चलते अपने ही साथी की चम्मच से गला और सीना छेदकर निर्मम हत्या कर दी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को मौके से हिरासत में ले लिया है, और इस घटना ने स्थानीय समुदाय में दहशत फैला दी है।
दो दिन पुराना विवाद बना हत्या की वजह
यह दिल दहला देने वाली घटना 24 मई 2025 को सामने आई, जब प्रेमनगर पुलिस को सूचना मिली कि नशा मुक्ति केंद्र में आपसी मारपीट के दौरान एक व्यक्ति की हत्या हो गई है। पुलिस ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू की। जांच में पता चला कि मृतक अजय कुमार, जो उत्तर प्रदेश के मेरठ का रहने वाला था, को उसके परिजनों ने 8 अप्रैल 2025 को नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था।
दो दिन पहले अजय का केंद्र में भर्ती अन्य दो युवकों, हरमनदीप सिंह और गुरदीप सिंह, के साथ किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। इस विवाद में अजय ने कथित तौर पर दोनों को गालियां दी थीं, जिसे लेकर दोनों युवक आक्रोशित थे। केंद्र के संचालक और अन्य लोगों ने उस समय विवाद को शांत करा दिया था, लेकिन हरमनदीप और गुरदीप के मन में बदले की आग सुलग रही थी।
चम्मच से रची हत्या की साजिश
पुलिस पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उन्होंने बताया कि अजय द्वारा दी गई गालियों से आहत होकर उन्होंने उसकी हत्या की योजना बनाई। 24 मई को जब अजय अपने कमरे में सो रहा था, दोनों ने मौके का फायदा उठाया। एक ने उसका मुंह दबाया, जबकि दूसरे ने चम्मच से उसके गले और सीने पर कई वार किए।
इस क्रूर हमले में अजय की मौके पर ही मौत हो गई। हत्या के बाद दोनों भागने की फिराक में थे, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। पुलिस ने घटनास्थल से हत्या में इस्तेमाल चम्मच भी बरामद कर लिया है।
कौन हैं आरोपी?
आरोपियों की पहचान हरमनदीप सिंह (25 वर्ष) और गुरदीप सिंह (27 वर्ष) के रूप में हुई है। दोनों पंजाब के बठिंडा जिले के निवासी हैं। हरमनदीप को 13 अप्रैल 2025 और गुरदीप को 31 मार्च 2025 को उनके परिजनों ने नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था। दोनों नशे की लत से जूझ रहे थे और इलाज के लिए केंद्र में थे। यह घटना न केवल उनके आपराधिक इरादों को दर्शाती है, बल्कि नशा मुक्ति केंद्रों में सुरक्षा और निगरानी की कमी को भी उजागर करती है।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
प्रेमनगर थाना पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर अभियोग दर्ज कर लिया है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि नशा मुक्ति केंद्र में इस तरह की घटना को रोकने के लिए क्या पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम थे। साथ ही, केंद्र के संचालकों से भी पूछताछ की जा रही है कि विवाद के बाद दोनों पक्षों को अलग करने के लिए क्या कदम उठाए गए थे। इस घटना ने नशा मुक्ति केंद्रों के संचालन और वहां भर्ती व्यक्तियों की मानसिक स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।