लोन लेने की बात आते ही सबसे पहले सिबिल स्कोर का नाम सामने आता है। अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा है, तो आपको आसान शर्तों पर कर्ज मिल सकता है, लेकिन अगर ये खराब है, तो लोन मिलना मुश्किल हो सकता है। इसलिए सिबिल स्कोर का मजबूत होना बहुत जरूरी है।
कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिनका सिबिल स्कोर माइनस में चला जाता है। ये वो लोग हैं, जिन्होंने न कभी लोन लिया और न ही क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया। ऐसे में बैंकों को इन पर भरोसा करने में हिचक होती है, क्योंकि इनकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री ही नहीं होती। अगर आपका सिबिल स्कोर भी माइनस में है, तो घबराने की जरूरत नहीं। कुछ आसान तरीकों से आप इसे बेहतर कर सकते हैं।
जिन लोगों का सिबिल स्कोर माइनस (-1) होता है, उसे आम बोलचाल में जीरो क्रेडिट स्कोर भी कहते हैं। ऐसा तब होता है, जब आपकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होती। इस वजह से बैंक यह तय नहीं कर पाते कि कर्ज लेने वाला व्यक्ति भरोसेमंद है या नहीं। नतीजा यह होता है कि लोन देने में बैंक पीछे हट जाते हैं।
लेकिन अच्छी बात यह है कि आप अपने माइनस सिबिल स्कोर को कुछ ही समय में 750 से ऊपर ले जा सकते हैं। इसके लिए दो आसान और कारगर तरीके हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपनी क्रेडिट प्रोफाइल को मजबूत कर सकते हैं।
पहला तरीका है कि आप बैंक में छोटी-छोटी फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) कराएं, जैसे 10-10 हजार रुपये की दो एफडी। इसके बाद इन एफडी के बदले ओवरड्राफ्ट सुविधा के तहत लोन लें। जैसे ही लोन शुरू होगा, आपकी क्रेडिट हिस्ट्री बननी शुरू हो जाएगी। इस लोन को समय पर चुकाएं, इससे आपका रीपेमेंट रिकॉर्ड बेहतर होगा और सिबिल स्कोर तेजी से बढ़ेगा।
दूसरा तरीका और भी आसान है। आप बैंक से क्रेडिट कार्ड लें और उससे रोजमर्रा की खरीदारी करें। क्रेडिट कार्ड से किया गया खर्च भी एक तरह का कर्ज होता है। इस खर्च को समय पर चुकाएं, तो आपका सिबिल स्कोर जल्द ही अपडेट होकर बढ़ जाएगा।
अगर आपका सिबिल स्कोर पहले से खराब हो चुका है, तो उसे ठीक करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखें। बैंक से लिए गए किसी भी लोन का भुगतान समय पर करें। क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो को 30% से कम रखें, यानी क्रेडिट कार्ड की लिमिट का ज्यादा इस्तेमाल न करें। कम समय में कई लोन या क्रेडिट कार्ड लेने से बचें, क्योंकि इससे आपका स्कोर और खराब हो सकता है।
अपने क्रेडिट पोर्टफोलियो में सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन दोनों शामिल करें और इनका भुगतान नियमित रखें। अगर आपने कभी लोन सेटलमेंट किया है, तो उसे पूरी तरह बंद करवाएं और बैंक से नो ड्यूज सर्टिफिकेट जरूर लें। इन आसान कदमों से आपका सिबिल स्कोर न सिर्फ ठीक होगा, बल्कि लोन लेना भी आसान हो जाएगा।