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Chardham Yatra 2025 : चारधाम सीजन पर होगा पहलगाम हमले का असर, पहली बार लगेगी इतनी भारी सुरक्षा

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Chardham Yatra 2025 : उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा इस बार और भी सुरक्षित होने जा रही है। हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने केंद्र सरकार से 10 कंपनियों अर्द्धसैनिक बलों की मांग की है। यह पहली बार है जब चारधाम यात्रा में अर्द्धसैनिक बलों को तैनात करने की योजना बनाई गई है। क्या यह कदम यात्रियों और श्रद्धालुओं को पूरी तरह सुरक्षित रख पाएगा? आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं।

सुरक्षा व्यवस्था में अभूतपूर्व बदलाव

इस साल चारधाम यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए कई नए कदम उठाए गए हैं। पूरे यात्रा क्षेत्र को 15 सुपर जोन, 41 जोन और 137 सेक्टरों में बांटा गया है। हर सेक्टर में पुलिसकर्मियों को 24 घंटे भ्रमणशील रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, छह हजार से अधिक पुलिस, एसडीआरएफ और पीआरडी जवान तैनात किए गए हैं। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

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पहली बार देहरादून में एक केंद्रीकृत कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहां से पूरी यात्रा पर नजर रखी जा रही है। नौ महत्वपूर्ण स्थानों पर एएसपी और डीएसपी स्तर के अधिकारियों की तैनाती की गई है। इनका मुख्य उद्देश्य है किसी भी समस्या का तुरंत समाधान करना। उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी दीपम सेठ ने सभी जिलों के पुलिस प्रभारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने के निर्देश दिए थे। 

पहलगाम हमले के बाद सतर्कता बढ़ी

पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश भर में सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। चारधाम यात्रा जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर खतरे को भांपते हुए उत्तराखंड पुलिस ने अतिरिक्त सावधानी बरतने का फैसला किया है। इसके तहत खुफिया तंत्र को हर समय सक्रिय रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, सभी जिलों में सत्यापन अभियान तेज कर दिया गया है। 

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इसी कड़ी में केंद्र सरकार से 10 कंपनियों अर्द्धसैनिक बलों की मांग की गई है। इनमें से छह कंपनियां गढ़वाल परिक्षेत्र और चार कंपनियां कुमाऊं परिक्षेत्र के धार्मिक और पर्यटकीय स्थलों पर तैनात की जाएंगी। डॉ. नीलेश आनंद भरणे, आईजी कानून व्यवस्था, ने बताया कि केंद्र सरकार जल्द ही इन कंपनियों का आवंटन कर सकती है। यह कदम यात्रा को और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

क्यों जरूरी है यह कदम?

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चारधाम यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करती है। यह न केवल धार्मिक महत्व का केंद्र है, बल्कि उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में भी इसका बड़ा योगदान है। लेकिन, हाल के वर्षों में आतंकी गतिविधियों और अन्य सुरक्षा चुनौतियों ने प्रशासन को और सतर्क रहने के लिए मजबूर किया है। अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती से न केवल सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि श्रद्धालुओं का भरोसा भी बढ़ेगा। 

हालांकि, इतने बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था लागू करना आसान नहीं है। पहाड़ी इलाकों में मौसम, सड़कें और अन्य प्राकृतिक चुनौतियां प्रशासन के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं। फिर भी, उत्तराखंड पुलिस और प्रशासन का यह प्रयास सराहनीय है। श्रद्धालुओं से भी अपील की गई है कि वे प्रशासन के साथ सहयोग करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत दें। 

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