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नोएडा, ग्रेटर नोएडा में फ्लैट खरीदने वालों को मिली बड़ी राहत, एस्पायर का हुआ गठन

न्यूज डेस्क, दून हॉराइज़न, नई दिल्ली

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कुछ साल पहले आम्रपाली बिल्डर की धूम थी। इसने एक के बाद एक प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग कर हजारों लोगों को मकान का सपना दिखाया। इसके जाल में फंस कर काफी लोगों ने अपनी जीवन भर की जमा-पूंजी लगा दी। लेकिन बिल्डर समय पर प्रोजेक्ट पूरा नहीं पाया।

इसमें फंसने वाले काफी थे तो मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सर्वोच्च अदालत के निर्देशों के अनुरूप सरकारी कंपनी नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन (NBCC) रुके हुए प्रोजेक्ट्स को पूरा कर रही है। इसमें एक नया डेवलपमेंट सामने आया है।

एस्पायर का हुआ है गठन 

एनबीसीसी से मिली सूचना के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप आम्रपाली की रुकी हुई परियोजनाएं पूरी की जा रही हैं। इसके लिए आम्रपाली स्टाल्ड प्रोजेक्ट्स एंड इनवेस्टमेंट्स रिकंस्ट्रक्शन इस्टेबलिशमेंट (Amrapali Stalled Projects and Investments Reconstruction Establishment) का गठन कर दिया गया है। आम्रपाली के कुल 25 रेसिडेंशियल प्रोजेक्ट़्स में कुल 46,575 फ्लैट बनाए जाने थे।
इनमें से 8,416 फ्लैटों पर जुलाई 2019 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले ही खरीदारों का कब्जा था। मामले में परियोजना प्रबंधन सलाहकार (पीएमसी) के रूप में एनबीसीसी को बाकी 38,159 और पहले सौंपे जा चुके फ्लैट के लिए सामान्य सुविधाओं का निर्माण करना था। एनबीसीसी ने करीब 5,512 करोड़ रुपये का काम सितंबर 2023 तक पूरा कर लिया है।

13 हजार से ज्यादा फ्लैट बन गए 

एनबीसीसी के अधिकारियों ने बताया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली के फंसे हुए प्रोजेक्ट्स में 13 हजार से भी ज्यादा फ्लैटों का कंस्ट्रक्शन पूरा किया जा चुका है। जो बचे हैं, उन पर भी काम तेजी से चल रहा है।

कंस्ट्रक्शन कार्य के लिए कुछ पैसे आवंटियों से मिले हैं, कुछ पैसे बैंकों से जुटाए गए हैं जबकि कुछ पैसे खाली फ्लैट्स को बेच कर जुटाया गया है। इस समय जिस तरह से काम चल रहा है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि साल 2025 के मार्च तक शेष बचे 25 हजार फ्लैटों का कंस्ट्रक्शन भी पूरा हो जाएगा।

बैंकों से 2,150 करोड़ रुपये 

आम्रपाली के छह प्रोजेक्ट्स में अधूरे निर्माण पूरे करने के लिए एसबीआईकैप वेंचर्स लिमिटेड ने 650 करोड़ मंजूर किए हैं। इसके अलावा सरकारी क्षेत्र के सात बैंकों के संघ (बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, और पंजाब एंड सिंध बैंक) ने 1,500 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इसमें से 1,496.45 करोड़ रुपये अगस्त 2023 तक रिलीज कर दिए गए।

बचे हुए फ्लैट्स बेच कर जुटाए गए पैसे 

सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के मामले में बिना बिके यूनिट और बचे हुए फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) को बेचने की अनुमति दी थी। पूरा काम सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त कोर्ट रिसीवर की निगरानी में होना था। रियल एस्टेट कंसल्टेंट कंपनी एनरॉक और स्टार एस्टेट्स ने अनबिके यूनिट्स को बेचा। इस प्रक्रिया से एनबीसीसी ने 2,500 करोड़ जुटाए गए हैं।

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