न्यूज डेस्क, दून हॉराइज़न, नई दिल्ली
सरकार की तरफ से बैंकों फंसे हुए कर्ज पर लगातार सख्ती बरती जा रही है. इसी सिलसिले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से बैंकों को सख्त निर्देश दिए गए हैं.
सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्री ने पब्लिक सेक्टर के बैंक प्रमुखों (PSB) के साथ मीटिंग में बैड लोन (Bad Loans) को कम करने और विकास की गति को तेज करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी और जानबूझकर लोन डिफाल्ट करने वाले मामलों में तुरंत कार्रवाई करें.
11.17 लाख करोड़ के फंसे कर्ज को माफ किया
आपको बता दें वित्त वर्ष 2021-22 तक पिछले छह साल में बैंकों ने अपने बही-खाते से 11.17 लाख करोड़ के फंसे हुए कर्ज को माफ किया है. एनपीए (NPA) में ऐसी संपत्तियां भी शामिल हैं, जिनके चार साल पूरे होने पर पूर्ण प्रावधान किया गया है.
इन संपत्तियों को राइट-ऑफ के जरिये बैंक की बैलेंस शीट से हटा दिया जाता है. हाल ही में बैंक प्रमुखों के साथ हुई बैठक में वित्त मंत्री ने साइबर सिक्योरिटी रिस्क पर काम करने की सलाह दी थी.
स्टॉन्ग इंटरनल ऑडिट करने पर जोर दिया
सूत्र ने यह भी बताया कि बैंक प्रमुखों के साथ हुई बैठक में बैंकों के लिए स्टॉन्ग इंटरनल ऑडिट करने पर जोर दिया गया. इस दौरान यह भी बताया गया कि एचडीएफसी लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक के मर्जर के बाद सरकारी बैंकों को बढ़ते कंप्टीशन के लिए तैयार रहना चाहिए. अब एचडीएफसी लिमिटेड के होम लोन ग्राहकों को रिटेल बैंकिंग के लिए एचडीएफसी बैंक की तरफ से टैप किया जाएगा.
इसके अलावा बढ़ती ब्याज दर के कारण बैंकों के प्रॉफिट में आई गिरावट पर भी बात हुई. बैंकों को उचित जोखिम प्रबंधन और शुल्क आय बढ़ाने के साथ उच्च-उपज अग्रिम श्रेणियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा गया.
सिस्टम में फंसे हुए कर्ज के समाधान को और गति प्रदान करने के उद्देश्य से, समझौता निपटान और तकनीकी राइट-ऑफ पर रूपरेखा पिछले महीने आरबीआई की तरफ से बैंकों के लिए जारी की गई थी.