देहरादून :उत्तराखंड की लोक संस्कृति के रंग अबीर-गुलाल के साथ और चमक उठे। गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित होली मिलन कार्यक्रम में प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर और एकता की खूबसूरत झलक देखने को मिली। गढ़वाल, कुमाऊं से लेकर जौनसार तक के लोक कलाकार इस मौके पर जुटे और अपनी कला से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
जौनसार के हारूल नृत्य की थिरकन हो या लोहाघाट की महिला कलाकारों की मधुर होली गीतों की तान, हर ओर उत्साह का माहौल था। पौड़ी जिले के राठ क्षेत्र से आए कलाकारों ने अपनी अनूठी प्रस्तुति से सबका ध्यान खींचा, तो थारू जनजाति के नृत्य और अल्मोड़ा के छोलिया नृत्य ने इस आयोजन को और यादगार बना दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निमंत्रण पर सीएम आवास में लोक कलाकारों का जमावड़ा लगा। पारंपरिक ढोल और मंजीरों की थाप पर होली गीत गूंजे। “आओ दगड़ियो, नाचा गावा” जैसे गीतों से अल्मोड़ा के कलाकारों ने माहौल बनाया, तो राठ क्षेत्र के कलाकारों ने “आई डान्ड्यू बसंत, डाली मा मौल्यार” गाकर सबको झूमने पर मजबूर कर दिया।
राठ क्षेत्र कला समिति के प्रमुख प्रेम सिंह नेगी ने बताया कि उनका 19 सदस्यीय दल इस मंच पर प्रस्तुति देकर गर्व महसूस कर रहा है। वहीं, लोहाघाट के शिवनिधि स्वयं सहायता समूह की 54 सदस्यों वाली टीम ने भी अपनी शानदार प्रस्तुति से सभी का दिल जीत लिया। समूह की प्रमुख अलका ने कहा कि सीएम आवास में पहली बार प्रदर्शन का यह अवसर उनके लिए बेहद खास है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री धामी भी लोक कलाकारों के साथ होली के रंगों में सराबोर नजर आए। उन्होंने न सिर्फ कलाकारों के साथ नृत्य किया, बल्कि ढोल और थाली जैसे वाद्य यंत्रों को भी आजमाया। उनकी सादगी और उत्साह ने इस आयोजन को और जीवंत बना दिया। खटीमा से आए वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप थारू उत्थान समिति के 20 सदस्यीय दल ने भी अपनी कला का प्रदर्शन किया।
इस दल के बंटी राणा और रिंकू राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बेहतरीन प्रयास कर रहे हैं, जिससे कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल रहा है। यह आयोजन न केवल होली का उत्सव था, बल्कि उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक पहचान को सामने लाने का एक शानदार प्रयास भी साबित हुआ।