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Dehradun News : राजपुर में बंद घर से 3 लाख की ज्वैलरी चोरी, दून पुलिस ने 48 घंटे में की गिरफ्तारी

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Dehradun News : देहरादून के राजपुर क्षेत्र में एक बंद घर में हुई नकबजनी की घटना ने स्थानीय लोगों में दहशत फैला दी थी। लेकिन दून पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने इस मामले को सुलझा लिया। पुलिस ने एक शातिर चोर को गिरफ्तार कर लिया, जिसके पास से चोरी की गई लगभग 3 लाख रुपये की ज्वैलरी बरामद हुई। यह घटना न केवल पुलिस की मुस्तैदी को दर्शाती है, बल्कि समाज में बढ़ते नशे के दुष्प्रभावों की ओर भी इशारा करती है।

कैसे हुआ मामले का खुलासा?

पिछले साल 17 दिसंबर 2024 को मिस्टिक हिल्स कॉलोनी के निवासी अमन ने राजपुर थाने में शिकायत दर्ज की थी। उन्होंने बताया कि अज्ञात चोरों ने उनके बंद घर का ताला तोड़कर नकदी और आभूषण चुरा लिए। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के निर्देश पर एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और संदिग्धों की तलाश में मुखबिरों को सक्रिय किया। 

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पुलिस ने पुराने चोरों की गतिविधियों पर भी नजर रखी और लगातार सुराग जुटाए। कई दिनों की मेहनत के बाद, 15 अप्रैल 2025 को धोरण रोड के पास चेकिंग के दौरान पुलिस ने अभियुक्त मन बहादुर थापा को पकड़ लिया। पूछताछ में उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया और बताया कि उसने नशे की लत को पूरा करने के लिए इस चोरी को अंजाम दिया था।

कौन है अभियुक्त?

गिरफ्तार अभियुक्त का नाम मन बहादुर थापा उर्फ कालू है, जो धनौला, सहस्त्रधारा रोड का निवासी है। 26 वर्षीय यह युवक नशे का आदी है और अपनी इस लत को पूरा करने के लिए उसने चोरी की राह चुनी। पुलिस ने उसके कब्जे से चोरी की गई ज्वैलरी बरामद की, जिसकी अनुमानित कीमत 3 लाख रुपये है। इस बरामदगी ने पीड़ित परिवार को राहत दी और पुलिस की कार्यकुशलता को साबित किया।

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नशा 

यह मामला समाज में नशे की बढ़ती समस्या को उजागर करता है। मन बहादुर ने पुलिस को बताया कि नशे की लत ने उसे इस हद तक मजबूर कर दिया कि उसने चोरी जैसे गंभीर अपराध को अंजाम दिया। यह घटना युवाओं और उनके परिवारों के लिए एक चेतावनी है कि नशा न केवल स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि सामाजिक और कानूनी समस्याओं को भी जन्म देता है।

पुलिस की मेहनत को सलाम

दून पुलिस की इस सफलता में चौकी प्रभारी आईटी पार्क दीपक द्विवेदी, कांस्टेबल विशाल और प्रदीप की मेहनत शामिल है। उनकी लगन और तकनीकी समझ ने इस मामले को जल्दी सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह कार्रवाई न केवल स्थानीय लोगों में विश्वास जगाती है, बल्कि अपराधियों के लिए भी एक सख्त संदेश है कि कानून से बचना आसान नहीं है।

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समाज के लिए सबक

यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि अपराध की जड़ को खत्म करने के लिए केवल पुलिस कार्रवाई काफी नहीं है। हमें समाज में जागरूकता फैलाने और नशे जैसी समस्याओं से लड़ने की जरूरत है। साथ ही, घरों की सुरक्षा के लिए सावधानी बरतना भी जरूरी है। दून पुलिस की इस उपलब्धि से हमें यह भरोसा मिलता है कि कानून व्यवस्था हमारे साथ है, लेकिन हमें भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।

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