Dubai Indian Murder : दुबई हाल ही में एक दुखद घटना का गवाह बना। एक स्थानीय बेकरी में काम करने वाले दो भारतीय नागरिकों की हत्या ने न केवल उनके परिवारों को, बल्कि पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। यह घटना 11 अप्रैल को हुई, जब एक पाकिस्तानी नागरिक ने कथित तौर पर धार्मिक नारे लगाते हुए बेकरी में काम करने वाले कर्मचारियों पर हमला कर दिया। इस हमले में तेलंगाना के दो मजदूरों, निर्मल जिले के अष्टपु प्रेमसागर और निजामाबाद के श्रीनिवास, की जान चली गई, जबकि एक अन्य कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गया।
प्रेमसागर और श्रीनिवास की कहानी
प्रेमसागर, जो केवल 35 वर्ष के थे, अपने परिवार का एकमात्र सहारा थे। उनके चाचा, ए पोशेट्टी, ने बताया कि प्रेमसागर की पत्नी और दो छोटे बच्चे अब अनिश्चितता के भंवर में हैं। निर्मल जिले के सोन गांव का यह युवक अपने सपनों को साकार करने के लिए दुबई गया था, लेकिन उसकी जिंदगी एक तलवार के वार से छिन गई। दूसरी ओर, श्रीनिवास, जो निजामाबाद से थे, भी अपने पीछे एक शोकाकुल परिवार छोड़ गए। इस हमले में घायल सागर की पत्नी भवानी ने बताया कि उनके पति को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, और वह उनकी सलामती की प्रार्थना कर रही हैं।
परिवारों का दर्द और सरकार से अपील
प्रेमसागर और श्रीनिवास के परिवार अब अपने प्रियजनों के शवों को भारत लाने के लिए सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। पोशेट्टी ने कहा कि परिवार को अभी तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है, और वे इस सदमे से उबरने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच, घायल सागर के परिवार को भी अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। ये परिवार केवल अपने प्रियजनों की वापसी और न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।
सरकार का समर्थन और नेताओं का दुख
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने इस घटना पर गहरा दुख जताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि वह इस क्रूर हत्याकांड से आहत हैं। रेड्डी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के हवाले से आश्वासन दिया कि शोक संतप्त परिवारों को हरसंभव सहायता दी जाएगी। विदेश मंत्रालय ने मृतकों के शवों को जल्द से जल्द भारत लाने और दोषी को सजा दिलाने के लिए त्वरित कदम उठाने का वादा किया है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बंडी संजय कुमार ने भी इस घटना को हृदयविदारक बताया और कहा कि गृह मंत्रालय के अधिकारी परिवारों के संपर्क में हैं।
एकजुटता और उम्मीद
यह घटना न केवल तेलंगाना के इन परिवारों के लिए, बल्कि उन सभी भारतीयों के लिए एक झटका है जो विदेशों में अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। यह हमले की क्रूरता और धार्मिक उन्माद की भयावहता को उजागर करता है। फिर भी, सरकार के त्वरित कदम और नेताओं के समर्थन ने परिवारों में कुछ उम्मीद जगाई है। हम सभी की प्रार्थना है कि घायल सागर जल्द स्वस्थ हों और मृतकों के परिवारों को न्याय मिले।