झज्जर :हरियाणा में एक बार फिर अवैध लिंग जांच (Illegal Gender Testing) का गहरा खेल सामने आया है। झज्जर के सिविल सर्जन को मिली खुफिया जानकारी के आधार पर पीएनडीटी टीम ने गाजियाबाद के एक ईंट भट्ठे पर चल रहे इस गैरकानूनी धंधे का पर्दाफाश किया।
इस ऑपरेशन में दो एजेंटों को पकड़ा गया, जो गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग की जांच (Sex Determination) के लिए मोटी रकम वसूल रहे थे। पीएनडीटी टीम में शामिल नोडल अधिकारी डॉ. संदीप कुमार, डॉ. बसंत दुबे, डॉ. कनुप्रिया और विनोद कुमार ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। यह टीम लंबे समय से ऐसे गिरोहों पर नजर रख रही थी और इसे खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध थी।
इस कार्रवाई की शुरुआत तब हुई जब टीम ने एक महिला को फर्जी ग्राहक बनाकर एजेंट सतिंदर से संपर्क करवाया। सतिंदर दिल्ली के नांगलोई स्थित सोनिया हॉस्पिटल से जुड़ा था और उसने 35 हजार रुपये में लिंग जांच का सौदा पक्का किया। उसने महिला को 12 मार्च की सुबह 9 बजे उद्योग विहार मेट्रो स्टेशन बुलाया।
टीम ने महिला को 35 हजार रुपये और एक गाड़ी मुहैया कराई, जिसमें ड्राइवर के साथ वह सतिंदर से मिलने पहुंची। सतिंदर ने पैसे लिए और गाड़ी में बैठ गया। इसके बाद उसने ड्राइवर को गाजियाबाद के टीला मोड की ओर चलने को कहा। पीएनडीटी टीम पूरे रास्ते गाड़ी का पीछा करती रही ताकि कोई सबूत हाथ से न छूटे।
टीला मोड पहुंचने पर सतिंदर ने महिला को दूसरे एजेंट नरेंद्र की बाइक पर बिठाया और उसे 35 हजार रुपये सौंपे। नरेंद्र महिला को जावली गांव के पास डीडीके भट्ठे पर ले गया, जहां एक कमरे में कपिल कसाना नाम का शख्स मौजूद था। कपिल ने पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन से जांच की और बताया कि गर्भ में लड़का है।
इसके बाद नरेंद्र ने कपिल को 35 हजार रुपये दिए। जांच के बाद नरेंद्र महिला को बाहर ले आया, लेकिन पीएनडीटी टीम पहले से ही भट्ठे पर पहुंच चुकी थी। महिला के इशारे पर टीम ने नरेंद्र को धर दबोचा। बाहर हंगामा सुनकर कपिल पैसे लेकर भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन भट्ठे के मजदूरों ने टीम को गलत समझकर रोक दिया। टीम ने अपनी पहचान बताई, पर तब तक कपिल भाग निकला।
कुछ ही देर में स्थानीय पुलिस और गाजियाबाद की पीएनडीटी टीम भी मौके पर पहुंच गई। टीम ने टीला मोड पर इंतजार कर रहे सतिंदर को भी पकड़ लिया। जांच में वहां से अवैध अल्ट्रासाउंड मशीन (Illegal Ultrasound Machine) और कपिल का फोन बरामद हुआ।
पूछताछ से पता चला कि सतिंदर और कपिल पहले भी 27 अप्रैल 2024 को नारनौल, हरियाणा में पकड़े जा चुके थे। कपिल पर लोनी, गाजियाबाद में भी पीसी पीएनडीटी एक्ट (PC PNDT Act) के तहत केस दर्ज है। जमानत पर छूटने के बाद ये लोग फिर से इस गैरकानूनी काम में जुट गए थे।
अंत में, झज्जर और गाजियाबाद की पीएनडीटी टीमों ने सतिंदर और नरेंद्र को पुलिस को सौंप दिया। इसके बाद टीला मोड थाने में तीनों आरोपियों—सतिंदर, नरेंद्र और कपिल कसाना—के खिलाफ पीसी पीएनडीटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। यह कार्रवाई समाज में लिंग जांच जैसे अपराधों को रोकने की दिशा में एक मजबूत कदम है।