Haryana News : हरियाणा के रेवाड़ी जिले में एक नया अध्याय शुरू हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेवाड़ी में 1069.42 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुए 14.4 किलोमीटर लंबे बाइपास का वर्चुअल उद्घाटन किया। यह बाइपास न केवल शहर की यातायात व्यवस्था को सुगम बनाएगा, बल्कि क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यमुनानगर और हिसार की परियोजनाओं के साथ इस बाइपास का शुभारंभ भारतमाला परियोजना का हिस्सा है, जो देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
बाइपास: कनेक्टिविटी का नया रास्ता
यह बाइपास राष्ट्रीय राजमार्ग-11 को राष्ट्रीय राजमार्ग-352 से जोड़ता है। हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल के तहत निर्मित इस परियोजना पर 1069.42 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। अब यह मार्ग वाणिज्यिक और निजी वाहनों के लिए पूरी तरह खुल गया है। इस बाइपास के बनने से रेवाड़ी और आसपास के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
महेंद्रगढ़, बावल और धारूहेड़ा जैसे इलाकों तक आवागमन अब पहले से कहीं ज्यादा आसान और तेज हो जाएगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह बाइपास न केवल समय बचाएगा, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में भी मदद करेगा।
शहर में भारी वाहनों की नो-एंट्री
इस बाइपास के शुरू होने से रेवाड़ी शहर में भारी वाहनों का प्रवेश बंद हो जाएगा। इससे शहर की सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा और स्थानीय लोग जाम की समस्या से राहत पाएंगे। नारनौल से बावल और धारूहेड़ा की ओर जाने वाले वाहन अब नए बाइपास के रास्ते हरीनगर फ्लाईओवर से सीधे जुड़ जाएंगे।
इसी तरह, बावल और धारूहेड़ा से नारनौल की ओर जाने वाले वाहन जैसलमेर हाइवे से बाइपास पर चढ़ सकेंगे। महेंद्रगढ़ की ओर जाने वाले वाहनों को झज्जर रोड बाइपास का सहारा लेना होगा। इस नई व्यवस्था से तीनों राष्ट्रीय राजमार्गों के बीच की दूरी 8 किलोमीटर तक कम हो जाएगी।
रेवाड़ी के लिए क्यों खास है यह परियोजना?
रेवाड़ी जैसे तेजी से विकसित हो रहे शहर के लिए यह बाइपास किसी वरदान से कम नहीं है। यह न केवल यातायात को सुचारू बनाएगा, बल्कि स्थानीय व्यापार और उद्योगों को भी बढ़ावा देगा। बेहतर कनेक्टिविटी से औद्योगिक क्षेत्रों तक माल ढुलाई आसान होगी, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। साथ ही, शहर की हवा भी साफ रहेगी, क्योंकि भारी वाहनों के कारण होने वाला प्रदूषण कम होगा। स्थानीय निवासी इसे एक ऐसी पहल मान रहे हैं, जो उनके जीवन को और बेहतर बनाएगी।
भविष्य की राह
भारतमाला परियोजना के तहत शुरू हुई यह पहल रेवाड़ी को विकास के नए पथ पर ले जाएगी। यह बाइपास न सिर्फ रेवाड़ी के लिए, बल्कि पूरे हरियाणा के लिए एक मिसाल है कि कैसे सही दिशा में उठाए गए कदम पूरे क्षेत्र को बदल सकते हैं। आने वाले समय में यह परियोजना रेवाड़ी को एक नए आर्थिक केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद कर सकती है।