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हिमाचल बना क्राइम हॉटस्पॉट? ऊना में फिर मर्डर, 2025 में हुई ये 24वीं हत्या

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ऊना :हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में एक बार फिर हिंसा की खौफनाक घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। हरोली उपमंडल के घालूवाल गांव में एक प्रवासी श्रमिक की बेरहमी से हत्या कर दी गई, जबकि उसकी पत्नी इस हमले में गंभीर रूप से घायल हो गई। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है, और जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। यह घटना न केवल स्थानीय समुदाय के लिए चिंताजनक है, बल्कि हिमाचल में बढ़ती आपराधिक घटनाओं पर भी सवाल उठाती है।

क्या हुआ उस रात?

घालूवाल गांव में रहने वाले बिहार के मुंगेर निवासी 50 वर्षीय प्रमोद कुमार अपने परिवार के साथ साधारण जिंदगी जी रहे थे। उनकी झोपड़ी के पास ही एक अन्य प्रवासी परिवार रहता था, जिसके साथ अचानक विवाद ने खतरनाक मोड़ ले लिया। जानकारी के अनुसार, पड़ोस में रहने वाले सूचित और उनके बेटे अंशुल के बीच किसी बात को लेकर तीखी बहस शुरू हुई। इस दौरान दोनों ने न केवल एक-दूसरे को गालियां दीं, बल्कि प्रमोद और उनके परिवार को भी निशाना बनाया। जब प्रमोद ने इस अपमान का विरोध किया, तो मामला और बिगड़ गया।

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गुस्से में आकर सूचित, अंशुल और उनकी पत्नी ने मिलकर प्रमोद पर हमला बोल दिया। लकड़ी और लोहे की रॉड से किए गए इस क्रूर हमले में प्रमोद की मौके पर ही मौत हो गई। उनकी पत्नी कबूतरी देवी ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन वह भी गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।

चश्मदीद का बयान

इस घटना की चश्मदीद रेशमा देवी ने बताया कि उस रात का मंजर बेहद डरावना था। उन्होंने कहा, “पहले तो गालियां और चीखने की आवाजें आ रही थीं। फिर अचानक दरवाजा तोड़कर आरोपी प्रमोद के घर में घुस आए। लोहे की रॉड और लकड़ी से उन्होंने बेरहमी से मारपीट शुरू कर दी। हम कुछ समझ पाते, उससे पहले ही सब कुछ खत्म हो चुका था।” रेशमा के इस बयान ने पूरे गांव में दहशत फैला दी है।

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पुलिस की कार्रवाई और जांच

ऊना के पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और तीनों आरोपियों—सूचित, अंशुल और उनकी पत्नी—को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस हर कोण से मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि कोई भी सबूत छूट न जाए। एसपी ने यह भी आश्वासन दिया कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी।

हिमाचल में बढ़ता अपराध का ग्राफ

यह घटना कोई इकलौती नहीं है। हिमाचल प्रदेश, जो कभी अपनी शांति और सुंदरता के लिए जाना जाता था, अब अपराध की खबरों से गूंज रहा है। इस साल के पहले तीन महीनों और 14 दिनों में ही प्रदेश में 24 हत्याएं हो चुकी हैं। ऊना, शिमला, चंबा, सोलन, हमीरपुर, कुल्लू, कांगड़ा और सिरमौर जैसे जिलों में हत्या के मामले सामने आए हैं। हाल ही में 4 अप्रैल को चंबा में हुई हत्या की घटना अभी लोगों के जेहन में ताजा थी कि ऊना की यह वारदात ने फिर से चिंता बढ़ा दी है।

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समाज के लिए एक सबक

यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर छोटी-छोटी बातें इतने बड़े विवाद का रूप क्यों ले लेती हैं? प्रवासी श्रमिकों का जीवन पहले से ही चुनौतियों से भरा होता है, और ऐसी घटनाएं उनके लिए और भी असुरक्षा पैदा करती हैं। हमें एक समाज के रूप में यह सुनिश्चित करना होगा कि आपसी मतभेद बातचीत से सुलझाए जाएं, न कि हिंसा से।

ऊना की इस त्रासदी ने न केवल एक परिवार को तोड़ दिया, बल्कि पूरे समुदाय को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर हमारा समाज किस दिशा में जा रहा है। पुलिस की कार्रवाई और जांच से उम्मीद है कि पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा, लेकिन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सामाजिक जागरूकता और संवेदनशीलता की जरूरत है।

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