Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश का बिलासपुर इन दिनों चर्चा में है, लेकिन वजह चिंताजनक है। शहर के सांढू मैदान में गोविंद सागर झील के किनारे स्थित खाकी शाह की मजार को कुछ अज्ञात लोगों ने नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। इस घटना ने स्थानीय लोगों में तनाव पैदा कर दिया है, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए त्वरित कदम उठाए हैं। आइए, इस मामले को गहराई से समझते हैं।
मजार पर हमले की घटना
सांढू मैदान में बरसों से मौजूद खाकी शाह की मजार न केवल मुस्लिम समुदाय के लिए आस्था का केंद्र है, बल्कि स्थानीय हिंदू समुदाय के लोग भी इसे सम्मान देते हैं। रविवार की सुबह कुछ लोगों ने मजार के एक हिस्से को नुकसान पहुंचाया। पूरी संरचना को तोड़ा नहीं गया, लेकिन इस हरकत ने इलाके में बेचैनी फैला दी। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव कुमार चौधरी के नेतृत्व में एक टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया।
पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ तोड़फोड़ का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। चौधरी ने बताया कि कुछ सुराग मिले हैं, जिनके आधार पर जल्द ही आरोपियों को पकड़ा जाएगा। साथ ही, मजार के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत का काम भी शुरू कर दिया गया है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
पहले भी रहा है विवाद
यह पहली बार नहीं है जब इस मजार को लेकर विवाद हुआ हो। साल 2021-22 में भी मजार में निर्माण कार्य के दौरान कुछ लोगों ने ढांचे को नुकसान पहुंचाया था। उस समय भी पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था, लेकिन मामला पूरी तरह सुलझ नहीं पाया। इस बार भी कुछ लोग मजार की जमीन को लेकर सवाल उठा रहे हैं। हिंदू समुदाय के कुछ लोग चाहते हैं कि जमीन के मालिकाना हक को स्पष्ट किया जाए। वहीं, मजार की देखरेख करने वाले सलीम का कहना है कि इसे हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय मिलकर संभालते हैं।
सोशल मीडिया ने बढ़ाया तनाव
पिछले हफ्ते एक वीडियो ने इस मामले को और हवा दी। एक युवक ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि सांढू मैदान में मजार का निर्माण हो रहा है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद कुछ संगठनों के लोग मौके पर पहुंचे, जिससे तनाव बढ़ गया। पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप कर स्थिति को संभाला और वीडियो अपलोड करने वाले युवक के खिलाफ मामला दर्ज किया। सलीम ने बताया कि कुछ लोग उन्हें धमकियां भी दे रहे हैं, लेकिन वह शांति बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रशासन की शांति की कोशिश
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव चौधरी ने स्थानीय लोगों को भरोसा दिलाया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। प्रशासन का कहना है कि मामला अब शांत है और दोनों समुदायों के लोग सहयोग कर रहे हैं। फिर भी, कुछ लोग इस घटना को लेकर सवाल उठा रहे हैं। मजार की मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है, ताकि आस्था को ठेस न पहुंचे।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
सांढू मैदान की मजार को लेकर स्थानीय लोगों की राय मिली-जुली है। कुछ का मानना है कि यह आस्था का प्रतीक है, जिसे दोनों समुदायों ने मिलकर बनाए रखा है। वहीं, कुछ लोग जमीन के स्वामित्व को लेकर स्पष्टता चाहते हैं। सलीम का कहना है कि मजार की देखरेख में हिंदू भाई भी योगदान देते हैं, जो आपसी भाईचारे का सबूत है।