IPS Transfer :उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक कदम उठाते हुए कई आईपीएस अधिकारियों के तबादले किए। इस सूची में गाजियाबाद के पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा का नाम भी शामिल है, जिन्हें अब प्रयागराज में पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) के पद पर तैनात किया गया है। यह तबादला उस समय हुआ है, जब मिश्रा और गाजियाबाद के लोनी से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर के बीच तनातनी सुर्खियों में थी। आइए, इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी को समझते हैं।
बीजेपी विधायक और पुलिस आयुक्त के बीच विवाद की शुरुआत
गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर और पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा के बीच तनाव की शुरुआत पिछले महीने तब हुई, जब गुर्जर एक धार्मिक कलश यात्रा निकाल रहे थे। इस यात्रा को पुलिस ने रोकने की कोशिश की, जिसके बाद स्थिति इतनी बिगड़ गई कि विधायक और पुलिस के बीच हाथापाई हो गई। इस दौरान नंदकिशोर के कपड़े तक फट गए। गुस्साए विधायक ने अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इस घटना ने पूरे प्रदेश में हलचल मचा दी। नंदकिशोर ने खुले मंच से यूपी के मुख्य सचिव और गाजियाबाद पुलिस आयुक्त को चुनौती दी। उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी की सरकार में भी राम कथा और कलश यात्रा के लिए किसी अनुमति की जरूरत नहीं पड़ती थी, लेकिन मौजूदा सरकार में धार्मिक आयोजनों पर रोक लगाई जा रही है। इस बयान ने विवाद को और हवा दी।
नंदकिशोर गुर्जर का गंभीर आरोप: “पुलिस ने रची थी साजिश”
विवाद बढ़ने पर बीजेपी ने नंदकिशोर गुर्जर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। अपने जवाब में विधायक ने सनसनीखेज दावा किया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनके खिलाफ साजिश रची थी और कलश यात्रा के दौरान पथराव करवाकर उनका “एनकाउंटर” करने की योजना बनाई थी। गुर्जर ने यह भी कहा कि रामचरितमानस के अपमान से वह इतने आहत हैं कि उन्होंने जल तक ग्रहण नहीं किया और फटे कुर्ते में नंगे पैर सड़कों पर उतरे।
उन्होंने अपने बयान में लोकतंत्र की दुहाई देते हुए कहा, “मेरा कुर्ता फटना लोकतंत्र का चीरहरण है। यह सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि हर हिंदू का अपमान है।” गुर्जर ने यह भी सवाल उठाया कि अगर योगी सरकार में श्रीराम कथा का आयोजन करना अपराध है, तो पार्टी उन्हें स्पष्ट निर्देश दे, ताकि वह भविष्य में ऐसे आयोजनों से बच सकें।
कौन हैं अजय कुमार मिश्रा?
अजय कुमार मिश्रा 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, जो मूल रूप से बलिया के रहने वाले हैं। अपनी तेजतर्रार कार्यशैली के लिए जाने जाने वाले मिश्रा 28 नवंबर, 2022 से गाजियाबाद के पुलिस आयुक्त थे। 2021 में उनका प्रमोशन पुलिस महानिरीक्षक के पद पर हुआ था। गाजियाबाद में उनके कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण कानून-व्यवस्था के मामले चर्चा में रहे। अब उनकी नई जिम्मेदारी प्रयागराज में होगी, जहां वह अपनी अनुभवी नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन करेंगे।
तबादले के पीछे की वजह क्या?
अजय मिश्रा का तबादला योगी सरकार का प्रशासनिक निर्णय हो सकता है, लेकिन इसका समय और परिस्थितियां इसे बीजेपी विधायक के साथ उनके विवाद से जोड़ रही हैं। हालांकि, सरकार ने आधिकारिक तौर पर तबादले का कोई कारण नहीं बताया है। राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा है कि क्या यह तबादला विवाद को शांत करने की कोशिश है या फिर प्रशासनिक रणनीति का हिस्सा।
क्या कहता है जनमानस?
इस पूरे घटनाक्रम ने उत्तर प्रदेश की सियासत में एक नया मोड़ ला दिया है। आम लोग और राजनीतिक विश्लेषक इस तबादले को अलग-अलग नजरिए से देख रहे हैं। कुछ का मानना है कि यह सरकार का सख्त रवैया दर्शाता है, तो कुछ इसे धार्मिक भावनाओं और प्रशासन के बीच टकराव के रूप में देख रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर जमकर बहस हो रही है।