भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicle – EV) उद्योग को एक बड़ा झटका लगा है। मशहूर ब्रिटिश लग्जरी कार निर्माता कंपनी जगुआर लैंड रोवर (Jaguar Land Rover – JLR) ने अपनी मूल कंपनी टाटा मोटर्स के नए 1 बिलियन डॉलर (लगभग 8,300 करोड़ रुपये) के प्लांट में इलेक्ट्रिक कारें बनाने की योजना को अचानक रोक दिया है।
जानकार सूत्रों की मानें तो इस फैसले के पीछे दो मुख्य कारण हैं – पहला, भारत में EV कंपोनेंट्स की कीमत और गुणवत्ता में सही तालमेल न मिल पाना, और दूसरा, इलेक्ट्रिक कारों की मांग में उम्मीद से कम बढ़ोतरी। आइए, इस खबर को थोड़ा और करीब से समझते हैं।
पिछले कुछ महीनों से भारत में JLR के इलेक्ट्रिक वाहन प्रोजेक्ट्स पर काम पूरी तरह ठप हो गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने लगभग दो महीने पहले ही अपने सभी EV प्रोजेक्ट्स को रोकने का फैसला लिया था। इस निर्णय का सबसे बड़ा असर टाटा मोटर्स की प्रीमियम इलेक्ट्रिक कार सीरीज अविन्या (Avinya) पर पड़ने वाला है, जिसे 2026-27 में लॉन्च करने की तैयारी थी। सप्लायर्स का कहना है कि यह कदम अचानक उठाया गया, जिसने ऑटोमोबाइल सेक्टर में चर्चा का माहौल बना दिया है।
इस योजना के रुकने की वजह क्या है? दरअसल, वैश्विक ऑटोमोबाइल बाजार में इलेक्ट्रिक कारों की मांग उतनी तेजी से नहीं बढ़ रही, जितनी कंपनियों ने सोची थी। इसके उलट, हाइब्रिड कारों की डिमांड में इजाफा देखने को मिल रहा है। दूसरी ओर, JLR को भारत में अपनी EVs के लिए सस्ते और अच्छी क्वॉलिटी के कंपोनेंट्स नहीं मिल पा रहे, जिससे प्रोजेक्ट की लागत बढ़ रही थी।
साथ ही, चीनी कंपनियों की सस्ती और तकनीकी रूप से उन्नत इलेक्ट्रिक कारें बाजार में छाई हुई हैं, जिसने JLR जैसे बड़े ब्रांड्स को अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है।
टाटा मोटर्स की महत्वाकांक्षी अविन्या (Avinya) सीरीज भी इस फैसले की चपेट में आ गई है। यह सीरीज JLR के EV प्लेटफॉर्म पर आधारित थी और दोनों कंपनियों के बीच कई कंपोनेंट्स साझा किए जाने थे। अब JLR के प्रोजेक्ट रुकने से टाटा को अपनी अविन्या (Avinya) कारों की डिजाइन और प्रोडक्शन प्लान में बड़े बदलाव करने पड़ सकते हैं। यह टाटा के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है, खासकर तब जब बाजार में प्रतिस्पर्धा पहले से ही तेज है।
भारत में टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में अग्रणी रही है, लेकिन अब उसे JSW MG मोटर, महिंद्रा एंड महिंद्रा और टेस्ला जैसी कंपनियों से कड़ा मुकाबला करना पड़ रहा है। महिंद्रा और MG ने हाल ही में लंबी रेंज वाली नई EVs लॉन्च की हैं, जो ग्राहकों के बीच खासी लोकप्रिय हो रही हैं। वहीं, टेस्ला भी भारत में अपनी इलेक्ट्रिक कारें लाने की तैयारी में है, जिससे बाजार में और उथल-पुथल मचने की संभावना है।
क्या यह फैसला टाटा के EV सपनों को प्रभावित करेगा? कंपनी का कहना है कि नए प्लांट में प्रोडक्शन की समयसीमा और मॉडल्स का चयन बाजार की मांग और रणनीति के आधार पर तय होगा। फिर भी, इस घटनाक्रम से टाटा के मार्केट शेयर और भविष्य की योजनाओं पर असर पड़ना तय माना जा रहा है। अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि टाटा मोटर्स इस मुश्किल दौर से कैसे उबरता है और अपने इलेक्ट्रिक वाहन पोर्टफोलियो को आगे कैसे ले जाता है।