अब चाहे वो सब्जियों या फलों के छिलके हों या क्लीनिंग में इस्तेमाल हुए टिश्यू पेपर; ये सारा वेस्ट मैटेरियल रोज हमारी किचन से बाहर निकलता है और कूड़े के ढेर में जाता है। आप भी अक्सर ऐसा ही करते होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं ये वेस्ट मैटेरियल हमारे काफी काम आ सकता है।
आज हम आपको कुछ ऐसी कमाल की टिप्स बताने हैं जिनकी मदद से आप रसोई से निकले कचड़े के ढेर से अपने काफी काम आसान बना सकते हैं।
पेपर टॉवल का यूं करें इस्तेमाल
किचन में अक्सर हम क्लीनिंग और बाकी चीजों के लिए पेपर टॉवल का इस्तेमाल करते हैं। इन्हें एक बार इस्तेमाल करने के बाद यूं ही डस्टबिन में फेंक दिया जाता है। तो चलिए आपको पेपर टॉवल का एक जबरदस्त इस्तेमाल बताते हैं। इसे फेंकने के बजाए आप गार्डेनिंग में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
घर में तैयार कंपोस्ट में इसे मिक्स कर के पौधों के लिए अच्छा कंपोस्ट तैयार किया जा सकता है। इसके अलावा पेपर टॉवल को फ्लावर प्लांट्स की छलनी की तरह भी यूज किया जा सकता है।
सब्जियों और फलों के छिलकों से तैयार करें खाद
किचन वेस्ट मटेरियल में निकले सब्जियों और फलों के छिलकों की मदद से घर में ही प्लांट्स के लिए हेल्दी खाद बनाई जा सकती है। फलों और सब्जियों के छिलकों को एक जगह पर इकट्ठा कर के, इसे किसी बड़े बर्तन में डंप कर के रख दें। 2 से 3 दिन बाद जब छिलके पूरी तरह से कंपोस्ट हो जाएं, तो नेचुरल खाद के रूप में इसका इस्तेमाल करें। आप अपने गार्डन या बालकनी में लगे पौधों को हेल्दी बनाने के लिए इस कंपोस्ट को इस्तेमाल कर सकते हैं।
अंडों के छिलकों से तैयार करें प्लांटर
अंडे खाने के बाद उसके छिलके अक्सर फेंक दिए जाते हैं। लेकिन आपको बता दें कि अंडे के छिलके में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। इसका इस्तेमाल प्लांटर्स तैयार करने के लिए किया जा सकता है। अंडे की शेल में मिट्टी भर कर इसमें बीज डाल दें और फिर इसमें थोड़ा-थोड़ा सा पानी डालते रहें। शेल में मौजूद प्रोटीन, बीज से हेल्थी प्लांट ग्रो करने में मदद करेगा।
वेस्ट वाटर को यूं करें इस्तेमाल
खाना बनाते समय हम जिस पानी का इस्तेमाल करते हैं उसे अक्सर यूं ही बहा देते हैं। सब्जियों को धोने और उबालने में इस्तेमाल किए गए पानी को अक्सर नाली में यूं ही बहा दिया जाता है। लेकिन ये पानी आपके बहुत काम आ सकता है। दरअसल इस पानी में कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। ऐसे में इस पानी को गार्डन में लगे प्लांट्स में डाला जा सकता है। इससे पानी बेवजह वेस्ट भी नहीं होगा और प्लांट्स की हेल्दी ग्रोथ में भी मदद मिलेगी।