भारत की सड़कों पर फोर-व्हीलर सेगमेंट में एमजी मोटर्स तेजी से अपनी जगह बना रही है। खास तौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में इस कंपनी ने जो कमाल दिखाया है, वह हर किसी का ध्यान खींच रहा है। भले ही टाटा मोटर्स इस सेगमेंट में अभी भी अव्वल है, लेकिन एमजी की रफ्तार ने बड़े-बड़े दिग्गजों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
मार्च 2025 की बिक्री के आंकड़ों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि एमजी मोटर्स अब केवल एक नाम नहीं, बल्कि भविष्य की गाड़ियों का पर्याय बन चुका है। आइए, इस शानदार प्रदर्शन की कहानी को और करीब से जानते हैं।
मार्च 2025
मार्च 2025 में एमजी मोटर्स ने कुल 5,501 गाड़ियां बेचीं, जो पिछले साल मार्च 2024 के 4,648 यूनिट्स की तुलना में 18% की सालाना वृद्धि को दर्शाता है। यह आंकड़ा न केवल कंपनी की मेहनत को दिखाता है, बल्कि भारतीय ग्राहकों के बीच इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बढ़ती लोकप्रियता को भी रेखांकित करता है। खास बात यह रही कि एमजी की इलेक्ट्रिक कारों ने पारंपरिक पेट्रोल-डीजल गाड़ियों को बिक्री में पीछे छोड़ दिया। यह बदलाव इस बात का संकेत है कि भारत का ऑटोमोबाइल बाजार तेजी से पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों की ओर बढ़ रहा है।
विंडसर ईवी
एमजी की विंडसर ईवी ने मार्च 2025 में बाजार में तहलका मचा दिया। इस क्रॉसओवर ने 3,641 यूनिट्स की बिक्री के साथ न केवल कंपनी की सबसे ज्यादा बिकने वाली गाड़ी का खिताब हासिल किया, बल्कि देश की नंबर-1 इलेक्ट्रिक कार होने का गौरव भी बरकरार रखा। लॉन्च होने के महज छह महीनों में विंडसर ईवी ने 20,000 यूनिट्स की बिक्री का आंकड़ा पार कर लिया, जो इसकी जबरदस्त लोकप्रियता का सबूत है। फरवरी 2025 की तुलना में इसने 50% की शानदार वृद्धि दर्ज की। स्टाइलिश डिजाइन, किफायती कीमत और बैटरी-एज-ए-सर्विस (BaaS) मॉडल ने इसे हर वर्ग के खरीदारों की पसंद बनाया है।
ZS ईवी
विंडसर ईवी के साथ-साथ एमजी की ZS ईवी ने भी मार्च 2025 में शानदार प्रदर्शन किया। इस इलेक्ट्रिक एसयूवी की 856 यूनिट्स बिकीं, जो पिछले साल की 481 यूनिट्स की तुलना में 78% की बढ़ोतरी है। ZS ईवी उन लोगों के लिए पसंदीदा विकल्प बन रही है, जो लंबी दूरी की यात्रा के लिए भरोसेमंद और फीचर से भरपूर इलेक्ट्रिक गाड़ी चाहते हैं। इसका पैनोरमिक स्काई रूफ और एडवांस्ड सेफ्टी फीचर्स इसे प्रीमियम सेगमेंट में अलग पहचान देते हैं।
पारंपरिक मॉडल्स का प्रदर्शन
हालांकि एमजी की इलेक्ट्रिक गाड़ियों ने बाजी मारी, लेकिन इसके पारंपरिक इंजन वाले मॉडल्स को इस बार कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा। हेक्टर की बिक्री 1,887 यूनिट्स (मार्च 2024) से घटकर 547 यूनिट्स (मार्च 2025) पर आ गई, जो 71% की गिरावट दिखाती है। इसी तरह, एस्टर ने 86% की कमी के साथ केवल 184 यूनिट्स बेचीं, जबकि कॉमेट ईवी की बिक्री 875 से घटकर 173 यूनिट्स रही। ग्लोस्टर ने भी 24% की गिरावट के साथ 100 यूनिट्स की बिक्री दर्ज की। ये आंकड़े बताते हैं कि एमजी की इलेक्ट्रिक गाड़ियों की चमक ने इसके ICE मॉडल्स को थोड़ा पीछे धकेल दिया है।
एमजी का भविष्य
एमजी मोटर्स की यह कामयाबी केवल बिक्री के आंकड़ों तक सीमित नहीं है। कंपनी ने अपने बैटरी-एज-ए-सर्विस मॉडल के जरिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों को आम लोगों की पहुंच में लाने का काम किया है। विंडसर ईवी और ZS ईवी की सफलता ने साबित कर दिया कि भारतीय ग्राहक अब पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रहे हैं और किफायती, टिकाऊ विकल्पों को अपनाने के लिए तैयार हैं। एमजी की यह रणनीति न केवल टाटा मोटर्स जैसे दिग्गजों को टक्कर दे रही है, बल्कि भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के भविष्य को भी आकार दे रही है।
क्यों खास है एमजी की यह उपलब्धि?
मार्च 2025 की बिक्री के आंकड़े एमजी मोटर्स के लिए एक मील का पत्थर हैं। जहां एक ओर इसके ICE मॉडल्स को थोड़ी मायूसी मिली, वहीं इलेक्ट्रिक गाड़ियों ने कंपनी की नैया पार लगाई। विंडसर ईवी की रिकॉर्ड-तोड़ बिक्री और ZS ईवी की लगातार बढ़ती मांग ने एमजी को भारत में इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट का एक मजबूत दावेदार बना दिया है। यह उपलब्धि उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो सोच रहे हैं कि क्या इलेक्ट्रिक गाड़ियां वाकई भविष्य हैं। एमजी ने साफ कर दिया है कि भविष्य यहीं है, और वह इसे लीड करने के लिए तैयार है।